कुकुरमुत्ते की तरह उगते क्षेत्रीय चैनल भारत में आर्थिक उदारीकरण आने और सेटेलाइट चैनलों के प्रादुर्भाव होने के बाद भारतीय पत्रकारिता में मानों क्रांति आ गयी.एक और जहाँ कई विदेशी और ख्याति प्राप्त चैनल लोगों को देखने को मिले वहीँ दूसरी और स्थानीय चैनलों ने भी बाजार में अपने पांव पसारना शुरू कर दिया.
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