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Sunday, May 3, 2009

कोल्हू के बैल वाला पत्रकार बनना नहीं चाहा

मैंने पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘आज’ में ज्वाइन कर लिया। तारीख थी-19 अप्रैल 1986 पत्रकार तो मैं पहले भी था, लेकिन कस्बे का पत्रकार। राजधानी के हिन्दी दैनिक के संपादकीय विभाग में काम करने का पहला अवसर था।
आंखो में सपने तैरने लगे। जवानी के दिनों में कभी कालेज में प्राध्यापक बनने का सपना देखा था, लेकिन वह सपना तो चूर-चूर हो गया। मैं एम।ए के परीक्षाफल आने के चार दिनों के बाद ही जवाहरलाल नेहरू कालेज के हिन्दी विभाग में नियुक्त हो गया था। तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी एस.एस. मेहदी क्लास में मेरे पढ़ाने के ढंग से काफी प्रभावित हुए थे और बाद में अपने आफिस में बुला कर नियुक्ति पत्र देते हुए मुझे बधाई दी थी। वे उस कालेज के पदेन अध्यक्ष थे और डिहरी-ऑन-सोन के स्थानीय राजनीतिज्ञ राजाराम गुप्ता सचिव थे।राजाराम गुप्ता मेरे पिताजी के मित्र थे और मेरा समर्थन किया था।बाद में कालेज की प्राध्यापक की नौकरी छोड़नी पड़ी। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।

लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=35&tid=967

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