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मीडिया मंत्र का नया अंक : आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण का औचित्य ? तस्वीर बोले :
- मुम्बई आतंकवादी घटना के दौरान चैनलों के लाईव प्रसारण का एक रूपक
- आतंकवादी घटनाओं के दौरान लाईव प्रसारण कितना सही - कितना ग़लत ?
- आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण का औचित्य ?
- हिन्दी के न्यूज़ चैनल अपने - आप को असभ्य समाज का हिस्सा मानते हैं : प्रोफ़ेसर असगर वजाहत , वरिष्ठ कथाकार और
- मीडियाकी सीमाएं मीडिया ही तय करेगा : आशुतोष , मैनेजिंग एडिटर , आईबीएन-७
- राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए : के।के।कुमार , मुख्य प्रबंध निदेशक , शक्ति टीवी
- आलोचना करने की परम्परा बन गई है : सुप्रिया प्रसाद, न्यूज़ डायरेक्टर , न्यूज़ २४
- टेलीविजन के इतिहास की अभूतपूर्व घटना : अम्बिकानंद सहाय, डायरेक्टर, आजाद न्यूज़
- टेलीविजन पत्रकार बधाई के पात्र हैं : आलोक पुराणिक , पत्रकार और के लाईव फोनों का कोई जस्टिफिकेशन सही नही : आनंद प्रधान , मीडिया विश्लेषक और अध्यापकदो देशों के बीच लड़ाई छिड़ जाए तो क्या उसको भी लाइव दिखायेंगे? : विनोद मेहता, डायरेक्टर, टोटल टीवी
डायरी :उस रात को कभी भूल नहीं पाउँगा : दीपक चौरसिया, एडिटर (नेशनल न्यूज़) स्टार न्यूज़
लेख : शैशवकाल की टीवी पत्रकारिता के जिद्दी नौनिहाल : चंदन प्रताप सिंहएक खौफनाक मंजर में मीडिया : राम प्रकाश द्विवेदीकवर फायर : मुकेश कुमार चौरसियाचक्रव्यूह में फंस रहा है देश का पत्रकार : डा। रंज़न जैदीजब वो स्वर्ग की सीधी दिखाना भूल गए : विनीत कुमारमीडिया का नया मंत्र आतंकवाद : संजय तिवारी
अजित अंजुम , प्रबंध निदेशक, बीएजी
फिल्म्समीडिया उवाच !
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