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Sunday, July 24, 2011

बाजार में औरत और औरत का बाजार

बाजार में औरत और औरत का बाजार: "हिंदुस्तानी औरत इस समय बाजार के निशाने पर है। एक वह बाजार है जो परंपरा से सजा हुआ है और दूसरा वह बाजार है जिसने औरतों के लिए एक नया बाजार पैदा किया है। औरत की देह इस समय मीडिया के चौबीसों घंटे चलने वाले माध्यमों का सबसे लोकप्रिय विमर्श है। लेकिन परंपरा से चला आ रहा देह बाजार भी नए तरीके से अपने रास्ते बना रहा है। देह की बाधाएं हटा रहा है, गोपन को ओपन कर रहा है।

बहस हुई तेजः

समय-समय पर देहव्यापार को कानूनी अधिकार देने की बातें इस देश में भी उठती रहती हैं। हर मामले में दुनिया की नकल करने पर आमादा हमारे लोग वैसे ही बनने पर उतारू हैं। जाहिर तौर पर यह संकट बहुत बड़ा है। ऐसा अधिकार देकर हम देह के बाजार को न सिर्फ कानूनी बना रहे होंगें वरन मानवता के विरूद्ध एक अपराध भी कर रहे होगें। हम देखें तो सुप्रीम कोर्ट की पहल के बाद एक बार फिर वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता देने की बातचीत तेज हो गयी है। यह बहस हाल में ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में वकीलों के पैनल व विशेषज्ञों से राय उस राय के मांगने के बाद छिड़ी है जिसमें कोर्ट ने पूछा है कि क्या ऐसे लोगों को सम्मान से अपना पेशा चलाने का अधिकार दिया जा सकता है? उनके संरक्षण के लिए क्या शर्तें होनी चाहिए ?

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