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Tuesday, July 5, 2011

एस.पी को जानना है तो सुरेंद्र प्रताप सिंह संचयन जरूर पढ़ें

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Tuesday, 05 July 2011 02:10
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पत्रकारिता का महानायक- सुरेंद्र प्रताप सिंह संचयन

पत्रकारिता का महानायक- सुरेंद्र प्रताप सिंह संचयन
यदि आप एस.पी.सिंह को समझना चाहते हैं तो आपके लिए 'पत्रकारिता का महानायक- सुरेंद्र प्रताप सिंह संचयन' एक जरूरी किताब है. मीडिया खबर.कॉम द्वारा आयोजित एस.पी.सिंह स्मृति समारोह, 2011 के दिन इसे पहली बार पूर्वालोकन के लिए इंडिया हेबिटेट सेंटर में रखा गया. इसे आर.अनुराधा ने लिखा है और किताब राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित होकर आयी है. इस तरह की अपने आप में यह पहली किताब है जिसमें एस.पी के लेखों और वक्तव्यों का संचयन किया गया है.

यह संचयन क्यों

“तो ये थी खबरें आजतक, इंतजार कीजिए कल तक।”- 90 के दशक के टेलीविजन दर्शकों को यह जुमला अब भी याद होगा। लेकिन इसे बोलने वाले सुरेंद्र प्रताप सिंह का नाम शायद कम लोगों को याद हो। आजतक के प्रस्तुतकर्ता होने के अलावा आमजन में सुरेंद्र प्रताप सिंह का कोई और परिचय कम ही है। लेकिन पत्रकार-जगत के लोग जानते हैं कि एसपी के नाम से मशहूर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने प्रिंट और टेलीविजन दोनों ही माध्यमों में पत्रकारिता के नए प्रतिमान गढ़े, नई परंपराएं शुरू कीं। जन-पक्षधरता और राजनीति की पैनी समझ उनकी अभिव्यक्ति को धारदार बनाती थी। खबर के पीछे की खबर को सूंघ पाने की उनकी काबिलियत ने उन्हें अपने समकालीनों से अलग खड़ा किया। अखबार के किसी कोने की एक सिंगल कॉलम खबर को कवर स्टोरी बना लेने की हिम्मत और प्रतिभा कम ही लोगों में होती है।

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