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Monday, June 6, 2011

बाबा रामदेव को समेटने की कॉँग्रेस की सियासत समझिये

बाबा रामदेव को समेटने की कॉँग्रेस की सियासत समझिये: "कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह तो बहुत पहले से कह ही रहे थे। लेकिन अब अंतत: कांग्रेस बाबा को बीजेपी का एजेंट साबित करने में भी कामयाब हो गई है। कांग्रेस और सरकार की निगाहें कई दिनों से रामदेव पर थीं। लेकिन आखिर वे बट्टे में आ ही गए। सरकार और कांग्रेस को पता था कि बाबा के साथ जो किया, वह करने के बाद क्या होना है। और वही हुआ। रामलीला मैदान से रामदेव को खदेड़ने और दिल्ली से बेदखल करने के तत्काल बाद लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नरेंद्र मोदी ने खुलकर क्रोध जताया। नितिन गड़करी ने निंदा की। विनय कटियार ने अपनी वार्ता में गुस्सा दिखाया। राम माधव ने रोष व्यक्त किया। रमेश पोखरियाल ने खेद जताया। वसुंधरा राजे ने इसे कानून के खिलाफ बताया। और संघ परिवार ने दुखद कहा। ऊपर से, दिल्बीली में भाजपा द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को बाबा के समर्थकों को सहयोग के फरमान जारी करने के बाद स्वामी के समर्थन में सरकार के खिलाफ देश भर में अनशन का ऐलान भी कर दिया। मतलब, कांग्रेस

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