स्वतंत्र अखबारों के गुलाम पत्रकार !: "आधुनिक तकनीक ने समाचार-पत्रों तथा दूसरे संचार माध्यमों की क्षमता बढ़ा दी है, लेकिन क्या वास्तव में पत्रकारों की कलम ऐसा कुछ लिखने के लिए स्वतंत्र है, जिससे समाज और देश का भला हो? आज जब हम समाचार-पत्र की आजादी की बात कहते हैं, तो उसे पत्रकारों की आजादी कहना एक भयंकर भूल होगी। आधुनिक तकनीक ने पत्रकार के साथ यही किया है, जो हर प्रकार के श्रमिक-उत्पादकों के साथ किया है। वर्तमान में पत्रकार, स्वतंत्र अखबारों के गुलाम बनकर रह गए हैं।
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