सहारा में कार्यरत मीडियाकर्मियों की साख दांव पर: "सहारा न्यूज़ नेटवर्क के न्यूज़ डायरेक्टर उपेन्द्र राय द्वारा नीरा राडिया के पक्ष में प्रवर्तन निर्देशालय के अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने के ऑफर के बाद सहारा समूह में कार्यरत मीडियाकर्मियों की साख दांव पर लग गयी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अब तक किसी भी मीडिया घराने के सबसे बड़े पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति पर इस तरह का आरोप नहीं लगा था.
पहले से टीआरपी की दौड़ से कोसों दूर खड़े सहारा मीडिया की साख पर भी बड़ा सा सवालिया निशान लग गया है. एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल समेत कई क्षेत्रीय न्यूज़ चैनल चला रहे सहारा ग्रुप की विश्वसनीयता पर सवाल भी उठने खड़े शुरू हो गए है.अब इन चैनलों में कार्यरत पत्रकारों के अनुसार पहले से ही सहारा मीडिया की कार्यप्रणाली पर लोग दबी जुबान से इसे सुब्रत राय का मुखपत्र कहते थे लेकिन इस घटना ने तो इस संस्थान के कर्मचारियों का मनोबल तोड़ दिया. अब सहारा के पत्रकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किस मुंह से बात करेंगे.सहारा के मीडियाकर्मियों को अब इस बात का भी डर सता रहा है कि उपेन्द्र राय प्रकरण के बाद कहीं किसी सार्वजनिक स्थान में उन्ही का विरोध न होने लगे.बात सही भी है कि जब न्यूज़ डायरेक्टर पर ही इतना संगीन आरोप लगा है तो पत्रकारों में आत्मबल कहाँ से आएगा.
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