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Thursday, February 25, 2010

पुलिस-माफिया के बीच खटता इलाहाबादी क्राइम रिपोर्टर

इलाहाबाद के क्राइम रिपोर्टरों की आजकल चांदी है। मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव और दस्तक की संपादक सीमा आजाद को कथित नक्सली बताकर पकड़े जाने के बाद इन क्राइम रिपोर्टरों में सनसनी फैलाने की कुकुरदौड़ मच गयी है। जिसमें सबसे आगे सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर आशुतोष तिवारी हैं। जो जासूसी उपान्यासों के तर्ज पर खबरें परोस रहे हैं। ये वही क्राइम रिपोर्टर हैं जो पिछले साल ऐसी ही एक खबर जिसमें उन्होंने इलाहाबाद के हंडिया तहसील के धोबहा गांव की एक मस्जिद से एक 47 और कई बोरे विस्फोटक बरामद होने की फर्जी खबर लिख कर अपनी काफी थुक्का फजीहत करवा चुके हैं। बहरहाल हम यहां सीमा आजाद और माओवाद पर उनके द्वारा प्रदर्शित ‘पांडित्य’ पर बात करेंगे।
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