चैनल की भैंस और न्यूज रूम का चरवाहा- लेखक - अजय नाथ झा, 24-Feb-10
एक बहुत ही तेज-तर्रार खबरिया चैनल की भैंस भरी दोपहर में ही डूबते देखकर लगा कि वाकई सहाफत एक भद्दा मज़ाक सा बनकर रह गया है। न्यूज रूम के चंडूखाने से लेकर आलातरीन अफसरान भी राई का पहाड़ बनाने में लगे हुए हैं। एंकर के लफ्ज़ थे कि ‘भैंस बेरहमी से डूब रही है’ बिल्कुल शीशे की तरह कान में जा घुसा। अरे भाई, भैंस अगर पानी में नहीं डूबेगी और उतराएगी तो क्या किसी चैनल मालिक के स्वीमिंग पूल में अपनी अदाएं या नाज़-नखरे दिखाएगी। और वैसे भी भैंस जब बाढ़ में भी कई कोस तैर कर अपना थन झाड़ लेती है तो ससुरी तालाब में अपना प्राण क्यों गंवायेगी?
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