संजय द्विवेदी, रीडर, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, सोमवार, 13 अप्रैल, 2009
सूचना नहीं सूचना तंत्र की ताकत के आगे हम नतमस्तक खड़े हैं। यह बात हमने आज स्वीकारी है, पर कनाडा के मीडिया विशेषज्ञ मार्शल मैकुलहान को इसका अहसास साठ के दशक में ही हो गया था। तभी शायद उन्होंने कहा था कि ‘मीडियम इज द मैसेज’ यानी ‘माध्यम ही संदेश है।’ मार्शल का यह कथन सूचना तंत्र की महत्ता का बयान करता है। आज का दौर इस तंत्र के निरंतर बलशाली होते जाने का समय है। नई सदी की चुनौतियां इस परिप्रेक्ष्य में बेहद विलक्षण हैं। पिछली सदी ने सूचना तंत्र के उभार को देखा है, उसकी ताकत को महसूस किया है। aआगे मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=33&tid=889
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