ख़बर को ख़बर की तरह ही दिखा सकते हैं. उसको पेश करने का तरीका होता है. बहुत सारी ऐसी चीजें हमने उठायी है जो हमें लगता है कि हमने औरों से अलग की है या करने की कोशिश की है. लेकिन न्यूज़ में यदि पुरी तरह से कहेंगे कि आप अलग करें तो यह संभव नही है. पाकिस्तान का मुद्दा या कसाब को लेकर जो कशमकश चल रही है या मुंबई हमले की बात है, उसमें बहुत कुछ अलग करने की बात कहना थोड़ा मुश्किल है. यह सारी खबरें जिस रूप में आती है उसी रूप में चलती है. इसमें कुछ ज्यादा करने की गुंजाइश नही है.
नया चैनल होने के बावजूद न्यूज़ 24 ने पुराने और दिग्गज चैनलों के बीच एक साल के भीतर अपनी एक अलग पहचान बनाई है जो किसी कामयाबी से कम नही है। हमारा मार्केट शेयर भी बढ़ा है और हम लगभग एनडीटीवी के बराबर पहुँच गए हैं. एनडीटीवी का मार्केट शेयर लगभग 7% है. एनडीटीवी इतना पुराना चैनल है और बड़ा ब्रांड है. इसके बावजूद हम एक साल में लगभग एनडीटीवी के आसपास पहुँच गए हैं तो यह क्या किसी उपलब्धि से कम है. पुरा इंटरव्यू मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=17&tid=686
नया चैनल होने के बावजूद न्यूज़ 24 ने पुराने और दिग्गज चैनलों के बीच एक साल के भीतर अपनी एक अलग पहचान बनाई है जो किसी कामयाबी से कम नही है। हमारा मार्केट शेयर भी बढ़ा है और हम लगभग एनडीटीवी के बराबर पहुँच गए हैं. एनडीटीवी का मार्केट शेयर लगभग 7% है. एनडीटीवी इतना पुराना चैनल है और बड़ा ब्रांड है. इसके बावजूद हम एक साल में लगभग एनडीटीवी के आसपास पहुँच गए हैं तो यह क्या किसी उपलब्धि से कम है. पुरा इंटरव्यू मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=17&tid=686
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