सरकार का बौखलाना तो लाजमी है: जनाब आजकल की फिजा ही ऐसी है ! वर्तमान सरकार की जगह अगर कोई भी होता तो शायद अपना आत्म - संतुलन खो देता और किसी अज्ञातवास में चला जाता परन्तु दाद देनी होगी इनके हिम्मत की ! अभी कल ही हिसार के उपचुनाव में कड़ी शिकस्त के बाद आज अरविन्द केजरीवाल पर हमला कही किसी साजिश का परिणाम तो नहीं ? इसका उत्तर तो समय के गर्भ में है ! अन्ना जी ने जहा एक तरफ खुल कर सरकार को चेतावनी दे ही रखा है तो वही दूसरी तरफ बाबा रामदेव के साथ साथ श्री लालकृष्ण अडवाणी जी ने भी सरकार के काले कारनामो के खिलाफ रथयात्रा आरम्भ कर रखा है , जिसका परिणाम उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में आगामी वर्ष में होने वाले चुनाव पर असर पड़ना लाजमी है ! शायद इसलिए सरकार और भी ज्यादा बौखला गयी है ! आये दिन बिना अन्ना - समाचार के कोई दिन ही पूरा नहीं होता जिससे समाज में सरकार - विरोधी माहौल ही बनता है परिणामतः सरकार और बौखला जाती है क्योंकि हिसार के साथ - साथ अन्य राज्यों के उपचुनावों में भी उसे हार का ही मुह दे
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