गोनू झा कहिन ..... भाग 1: एक शाम गोनू झा गाँव के तालाब के किनारे बड़ी चिंता में मग्न बैठे थे और किसी से बात ही नहीं कर रहे थे. कोई उनके पास जाता तो वो सामने ज़मीन पर बना हुआ नक्शा दिखा देते और फिर अपनी चिंता में मग्न हो जाते. आखिर गाँव के मुखिया ने ही सवाल पूछ लिया कि वो किस चीज की चिंता में इतने घुले जा रहे हैं. गोनू झा का जवाब था "मैं एक नए जेल का नक्शा और रूप रेखा बना रहा हूँ जो आगरा पागलखाना के बिलकुल करीब हो और वहां पर हर किस्म की सुविधा हो". मगर परेशानी ये है कि इतनी ज़ल्दी सब कैसे होगा?
मुखिया जी चौंक गए / बोले" अरे श्रीमान, आप क्यों परेशान हैं. ये काम तो सरकार का है?"
गोनू झा खीझ गए और कहा "अजीब आदमी हो तुम. हमारे देश में कुल पागलखाना कितने है? एक तरफ मायावती अमेरिकी सरकार से गुहार लगाये जा रही है कि विकीलीक्स के संपादक को हमारे यहाँ भेज दो. उसपर से ये अन्ना हजारे, हर आये दिन किसी -न- किसी को पागलखाने भेज देने की धमकी दिए जा रहा है. अब वो, हर हफ्ते कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को वहां भेजने की बात कर रहा है. अगर ऐसा ही हाल रहा हो पता नहीं, कौन कितनी ज़ल्दी किस पागलखाने पहुँच जाये. रांची का कांके वैसे ही खस्ता हाल में है. आगरा में यमुना भी सूखने लगी है. ये अन्ना पता नहीं किसके सर पर अब चना पीसना शुरू कर देगा?
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