पत्रकारिता अब क्यों नहीं रही एक आदर्श कॅरियर का विकल्प...?: "अगर आप स्कूल या कॉलेज के बच्चों से उनके कॅरियर गोल को लेकर सवाल करें तो आप ये जानकर हैरान व दुखी रह जायेंगे कि कोई भी बच्चा पत्रकार नहीं बनना चाहता. कोई बच्चा ये नहीं कहेगा कि वो एक पत्रकार बनने का सपना देख रहा है. कोई छात्र ये कहने का साहस नहीं जुटा पाएगा कि वो मीडिया लाइन में आना चाहता है. अगर कोई कुछ बनना चाहता है तो पत्रकार व नेता को छोड़कर. वह इंजीनियर बनना चाहता है, वह डॉक्टर बनना चाहता है, वह बैंक में बाबू बनना चाहता है, वह आईएएस बनना चाहता है, वह शिक्षक बनना चाहता है, पर एक पत्रकार? कभी नहीं! आखिर क्या वजहें हैं इसकी?
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