जंतर – मंतर से ‘अन्ना LIVE’ या ‘पीपली LIVE’: "पिछले साल एक फिल्म आयी थी – “पीपली लाईव”. न्यूज़ चैनलों की पृष्ठभूमि पर बनी उस फिल्म का एक दृश्य बार – बार इन दिनों याद आ रहा है. पीपली गाँव की खबर को कवर करने के लिए पहले कोई बड़ा पत्रकार नही जाता. लेकिन जैसे ही यह एहसास होता है कि इसमें बड़ा न्यूज़ एलिमेंट है और खबर से खूब खेला जा सकता है वैसे ही वहाँ बड़े-बड़े पत्रकारों का पूरे ताम – झाम से तांता लग जाता है. और फिर शुरू हो जाता है ड्रामेबाजियों का दौर.
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