
जन लोकपाल बिल पर मिली पहली सफलता को आम लोगों ने उत्सव की तरह मनाया. इंडिया गेट पर हजारों की संख्यां में लोग जुटे थे. वहाँ बरखा दत्त भी पहुच गयीं. बरखा के 'कार्यक्रम' शुरू होने से पहले ही जनता ने उन्हें खदेड़ दिया... बरखा दत्त वापस जाओ, बरखा दत्त को जेल में भेजो,बेईमान पत्रकार हाय हाय... जैसे नारों से इंडिया गेट हिल उठा...
बरखा मुंह छिपा के एक कोने में दुबक गयीं. तब NDTV के संजय अहिरवाल बरखा की पैरवी में लोगों के बीच आए. लेकिन जनता ने उनकी भी एक न सुनी. NDTV को कार्यक्रम समेट कर रफू चक्कर होना पड़ा.
पब्लिक सब जानती है. भ्रष्ट पत्रकार समझ लें ... अब उनकी भी ख़ैर नहीं... भ्रष्टाचार के खिलाफ दिखावा करने मात्र से भ्रष्ट पत्रकार और चैनलों के पाप धुल नही जायगा. पब्लिक ने आज बरखा को पब्लिक प्लेस पर धकियाया है . वह दिन दूर नहीं जब एनडीटीवी में घुसकर मारेगी. अभी http://mediakhabar.com/ तकनीकी कारणों से डाउन है. इसलिए फिलहाल ब्लॉग पर ही वीडियो देखे.
किसी पत्रकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता . बरखा ने अपने दर्शकों के साथ जो छल किया यह उस सजा की महज एक शुरुआत भर है. जंतर - मंतर पर अन्ना लाईव करते और ईमानदारी का ढोंग करते न्यूज़ चैनलों और पत्रकारों के लिए एक सबक है. प्रणव रॉय अब शायद अपनी कुम्भकर्णी नींद से जाग जाएँ.
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