निर्मल बाबा को लेकर आजतक जिस तरह से अभी ख़बरें दिखा रहा है , उसे देखकर लगता है कि निर्मल बाबा के इमेज को ठीक करने का ठेका आजतक को मिल गया है. यकीं मानिए चैनलों का अंधविश्वास और पाखंड मिटाने का कोई ईरादा नहीं है. सबके अपने - अपने एजेंडे हैं जिसके हिसाब से सारा खेल चल रहा है. ताज्जुब देखिये निर्मल बाबा पाखंडी हैं या नहीं इसपर चर्चा करने के लिए दूसरे बाबाओं को ही न्यूज़ स्टूडियो में बुलाया गया.
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