संघ अछूत है क्या ?: यूपीए - 2 के मंत्रीगण एवं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्त्ता अपना विवेक खो बैठे हैं परिणामतः बार - बार एक देशभक्त संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऊपर अपने शब्दों के माध्यम से कुठाराघात करते रहते है ! इनकी आखों पर राजनीति की ऐसी परत चढी है कि समाज को बांटने के लिए संघ को कभी "भगवा आतंकवाद" से संबोधित करते है तो कभी "फासिस्ट संगठन" की संज्ञा देते हैं ! कांग्रेस के नेता हिटलर के प्रचार मंत्री गोयबेल्स के दोनों सिद्धांतो पर चलते है ! मसलन एक – किसी भी झूठ को सौ बार बोलने से वह सच हो जाता है ! दो – यदि झूठ ही बोलना है, तो सौ गुना बड़ा बोलो ! इससे सबको लगेगा कि बात भले ही पूरी सच न हो; पर कुछ है जरूर ! इसी सिद्धांतों पर चलते हुए कांग्रेसी हर उस व्यक्ति की आड़ में संघ को बदनाम करने कोशिश करते है जो देशहित की बात करता है ! मसलन कभी अन्ना हजारे जी की ओट में संघ पर हमला करते है तो कभी बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर जी की ओट में संघ पर तीखा प्रहार करने से भी नहीं गुरेज करते ! अन्ना जी की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में बने जनमानस की हवा निकालने के लिए सरकार बार - बार संघ का हाथ होने का दावा करती है ! कभी किसी चित्र का हवाला देती है तो कभी संघ के किसी कार्यक्रम में अन्ना जी की उपस्थिति का पोस्टमार्टम करती है ! इसकी आड़ में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लपेटने के चक्कर में हैं, जिसकी देशभक्ति तथा सेवा भावना पर विरोधी भी संदेह नहीं करते ! भारत में स्वाधीनता के बाद भी अंग्रेजी कानून और उसकी मानसिकता बदस्तूर जारी है ! इसीलिए कांग्रेसी नेता आतंकवाद को मजहबों में बांटकर इस्लामी, ईसाई आतंकवाद के सामने ‘भगवा आतंक’ का शिगूफा कांग्रेसी नेता छेड़ कर देश की जनता को भ्रमित करने नाकाम कोशिश करते है !
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