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Monday, August 8, 2011

'फेसबुक' की 'तीसरी दुनिया'

'फेसबुक' की 'तीसरी दुनिया': "एक नई दुनिया बन कर तैयार हो रही है। यह दुनिया एक दूसरे से मिले बिना एक दूसरे से जुड़ी रहती है। एक दूसरे के सपने, गुस्से और दुख को बांटती है और पल भर में एक दूसरे के साथ जुड़ भी जाती है। यह बात अलग है कि जितनी तेजी से जुड़ती है, उतनी ही तेजी से उन संबंधों को किसी डस्टबिन में फेंक आगे निकल भी जाती है।

नए आकंड़े बड़ी मजेदार बातें बताते हैं। अगर दुनिया भर के फेसबुक यूजर्स की संख्या को आपस में जोड़ लिया जाए तो दुनिया की तीसरी सबसे अधिक आबादी वाला देश हमारे सामने खड़ा होगा।

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