सबक जो अब लेने होंगें: अन्ना को लेकर जितना लिखा गया औऱ लिखा जा रहा है, वह अपने आप में एक रिकार्ड है। अन्ना अब आंदोलन और बदलाव जैसे शब्दों के पर्याय बन चुके हैं। बहरहाल लोकतंत्र और जन के बीच का रास्ता इस बार बड़ा और हवादार हुआ है और एक नया अध्याय खुल कर सामने आ गया है।
लेकिन हर आंदोलन कुछ सबक देकर जाता है। यह लाजमी भी है।
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