सामाजिक न्याय के मसीहा - बाबू जगजीवन राम: "सामाजिक न्याय के परिप्रेक्ष्य में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह यदि बाबू जगजीवन राम की शैली, उपायों, सुझावों व युक्तियों पर विचार किया होता तो आज समाज की दशा-दिशा ही कुछ और होती। गौरतलब है कि 1989-90 के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री श्री सिंह ने मंडल-कमीशन की बात कर शांत समाज को अशांत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी।
जहाँ तक बाबू जगजीवन राम की बात है, उन्होंने अपनी 53 वर्षों की राजनीति के दौरान भारत में ‘सामाजिक न्याय’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कई कानून बनवाए और संवैधानिक दृष्टिकोण से समाज के अति पिछड़ों और दलितों को मुख्य धारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। बाबू जगजीवन राम को ‘बाबू जी’ के नाम से जानते हैं, याद करते हैं और करते रहेंगे।
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