अमंगल की खबरों से घिरे हैं हमः शुक्ल: "नारद जयंती की पूर्व संध्या पर पत्रकारिता विवि में व्याख्यान
भोपाल,18 मई,2011। प्रख्यात कवि-कथाकार ध्रुव शुक्ल का कहना है हम अमंगल की खबरों से घिरे हुए हैं। यूं लगता है कि शुभ समाचार आने बंद हो गए हैं। ऐसे में हमारे समय की वाणी प्रदूषित हो गयी। हैं। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल देवर्षि नारद जयंती की पूर्वसंध्या पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्यवक्ता की आसंदी से बोल रहे थे। व्याख्यान का विषय था ‘लोकमंगल संचारकर्ता नारद’। उन्होंने कहा कि शब्द ब्रम्ह हैं इसलिए हमें लोकमंगल की पत्रकारिता का विकास करना होगा। अगर हम लगातार अध्यात्मशून्य समाज बनाते जाएंगें तो हम कभी सफल नहीं हो सकते।
श्री शुक्ल ने कहा कि देवर्षि नारद ने हमेशा लोकमंगल के लिए अनवरत यात्राएं कीं। वे एक ऐसे यात्री हैं जो ईश्वर के मन को भाँप लेते हैं और ईश्वर पर अपना अधिकार समझते हैं। उन्होंने नारद को संदेशवाहक, संवादकर्ता ओर संचारकर्ता की भूमिका में देखने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि नारद दो बातों पर ज्यादा जोर देते थे कि पहला यथार्थ को निष्पक्ष दृष्टि से देखा जाए, और एक अच्छा श्रोता बना जाए। यही गुण एक पत्रकार का भी होना चाहिए।
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