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Tuesday, May 17, 2011

जनकवि नागार्जुन को भूले ओम थानवी

जनकवि नागार्जुन को भूले ओम थानवी: "प्रतिष्ठित समाचारपत्र जनसत्ता के सम्पादक ओम थानवी का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 16 मई को आना कई अर्थों मंे महत्त्वपूर्ण कहा जा सकता है. हिन्दी पट्टी जिसमें इन दिनों हिन्दी-जगत के कई ख़्यातनाम साहित्यकारों की जन्मशती मनायी जा रही है; वहाँ ओम थानवी का महामना के परिसर में स्वयं उपस्थित होकर ‘अज्ञेय की याद’ विषयक गोष्ठी में बोलना या अज्ञेय से सम्बन्धित संस्मरण को बाँटना सुखद और प्रीतिकर दोनों है. विश्वविद्यालय के भोजपुरी अध्ययन केन्द्र की ओर से आयोजित इस विशिष्ट व्याख्यान में श्री थानवी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. उन्हें सुनने की लालसा या लोभ इसलिए भी मन में पैठी थी कि वर्तमान में जब हिन्दी पत्रकारिता अपने समस्त मानकों, कसौटियों तथा लक्ष्मण-रेखा को पूरी निर्लज्जता के साथ लाँघ रही है, जनसत्ता इन प्रवृत्तियों के उलट एक अनूठे मिसाल के रूप में हाजिर है. श्री थानवी

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