"उपेन्द्र राय ने डेढ़ साल पहले सहारा की सत्ता संभाली थी तो मीडिया से जुड़े लोगों ने कहा था – “देखें सहारा में उपेन्द्र राय कितने दिनों तक टिकते हैं.”
सहारा का ट्रैक रिकॉर्ड भी इसी बात की गवाही देता है. इसके कुछ उदाहरणों में सुमित रॉय, पुण्य प्रसून आदि हैं. बाद में उपेन्द्र राय के साथ सहारा आये संजीव श्रीवास्तव की तीन महीने में ही विदाई ने इस बात को और पुख्ता कर दिया कि सहारा की डगर आसान नहीं.
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