कलम की विनम्रता और पत्रकारिता के संस्कार: "साल के दो महीने खास होते हैं जिनमें पहला महीना अप्रैल का होता है। इस महीने पंडित माखनलाल चतुर्वेदी, पंडित माधवराव सप्रे और राजेन्द्र माथुर के नाम है तो दूसरा महीना मई का है। मई की पहली तारीख श्रमजीवियों के नाम है जिसे हम मजदूर दिवस के नाम पर जानते हैं। इसी महीने की तीन तारीख को प्रेस दिवस है और तीस मई को हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाते हैं। ये दोनों महीने बेहद अर्थवान हैं, खासकर पत्रकारिता के लिये। यहां मैं मीडिया शब्द से परहेज करने की कोशिश करूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि मीडिया का अर्थ पत्रकारिता से एकदम जुदा है। बहरहाल, हम पत्रकारिता के संदर्भ में बात करेंगे। पत्रकारिता के संदर्भ में दो बातें हैं कि इन दोनों महीनों की तारीख पत्रकारिता के पुरोधाओं से जुड़ी हुई है और इन तारीखों का सीधा संबंध कलम से है। मेरी बातें उलझी उलझी लग सकती हैं किन्तु इस पर जब विस्तार से लिखी गयी मेरी बातों को पढ़ेंगे, मनन करेंगे तो शायद आप भी मुझसे सहमत होंगे।
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