आखिर नेता किस बात से बौखला गए?: "ये सारे नेता आखिर किस बात से घबरा गए है,अन्ना हजारे से या अन्ना हजारे को मिले व्यापक जन समर्थन से?
आज के दौर मे जब तकनीकी विकास ने हर चीज को बदल के रख दिया है।हर आमजन आत्म केन्द्रित है।ऐसे में किसी को ये उम्मीद न थी,कि आन्दोंलन अपनी शुरुआत से ही जन समर्थन की ये रफ्तार हासिल करेगा।
सभी पार्टियों का निशाना अब अन्ना हजारे पर है क्यों? सभी पार्टियों को ये आकलन करना चाहिए कि इतना व्यापक जनसमर्थन,युवाओं का जोरदार समर्थन ये एक नई तरह की क्रान्ति की शुरूआत है। ये नेता बनाई गई कमेटी के बारें मे कभी,तो कभी कुछ बातों को लेकर,आंदोलन के लिए पैसा कहां से आया जैसी फिजूल बातों को लेकर नैतिकता और देश भक्ति की बात कर रहें है।अमर सिंह को ये बात खराब लग गयी कि जनता ने चौटाला और उमाभारती को जंतरमंतर से भगा दिया,उनको ये आश्चर्य है कि अन्ना जी ने कैसे सारे नेताओं को भ्रष्ट कह दिया। और वो नैतिकता की दुहाई देते है,मान्यवर आप भूल गए जब संसद में नोटो की गड्डियां उछाली गयी थी,तब आप की नैतिकता कहां चली गयी थी।जब कुछ सांसद पैसा लेकर प्रश्न पूछने के आरोप मे पकडे गए थे,तब आप कहां थे।कोई भी राजनैतिक पार्टी अपने को चाहे जितना दूध का धुला साबित करे लेकिन सच्चाई ये है कि सभी के पास अपने पालतू गुंडे है या कि गुडों की ही पार्टी है।
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