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Sunday, April 17, 2011

ज्ञानवाणी में भ्रष्टाचार, रेडियो एनाउंसर को अबतक नहीं मिला इंसाफ

ज्ञानवाणी में भ्रष्टाचार, रेडियो एनाउंसर को अबतक नहीं मिला इंसाफ: "ज्ञानवाणी इग्नू की एफएम रेडियो सेवा है, जिसके माध्यम से देशभर में शिक्षा और अलग-अलग पाठ्यक्रमों का प्रसारण करके क्लासरूम की कमी को पूरा करने का काम किया जाता है। जिसकी फ्रीक्वेंसी 105.6 मेगाहर्ट्ज है। लेकिन पिछले कुछ सालों से इसके माध्यम से देश और दुनिया में ज्ञान की रोशनी बिखेरनेवाले यहां के लोग खुद ही अन्याय के अंधेरे में जीने के लिए विवश कर दिये जा रहे हैं। नईम अख्तर का मामला भी कुछ इसी तरह का है। साल 2003 से ज्ञानवाणी, इग्नू के लिए अस्थायी पद पर बतौर उदघोषिका काम करनेवाली नईम अख्तर को इग्नू के ईएमपीसी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रोडक्शन सेंटर) परिसर से तड़ीपार कर दिया गया। तड़ीपार करने के पहले जनवरी 2011 के मध्य में के रविकांत(निर्देशक, ईएमपीसी, इग्नू), नहीद अजीज (स्टेशन प्रबंधक, ज्ञानवाणी), जीपी सिंह (सहायक रजिस्ट्रार, ईएमपीसी) और अरुण जोशी (सलाहकार, ज्ञानवाणी) जैसे आला अधिकारियों ने परिसर में यह अफवाहें फैलायीं कि इग्नू के कुलपति ने आदेश जारी करके नईम अख्तर को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है और अब उनका प्रवेश वर्जित है। उसके बाद ईएमपीसी की रिसेप्शन के आगे नईम अख्तर की तस्वीर और स्टेशन मैनेजर के हाथ से लिखा उनका नाम लगाकर सुरक्षाकर्मियों को सख्त हिदायत दी गयी कि यह लड़की किसी भी हाल में ईएमपीसी के भीतर न घुसने पाये। 27 जनवरी 2011 को ईएमपीसी के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया। ईएमपीसी और ज्ञानवाणी के अधिकारियों को जब इतने से भी संतोष नहीं हुआ, तो उन्होंने परिसर में नईम अख्तर को लेकर माहौल बनाना शुरू कर दिया कि यह लड़की पागल हो चुकी है।

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