हिन्दुस्तानी मीडिया में युद्धोन्माद और वर्चस्ववाद !: "वो 26 नवम्बर 2008 की ही शाम थी. दिल्ली और मुंबई के बाज़ारों में गहमागहमी अपने उफ़ान पर थी. लोगबाग अपनी-अपनी ज़िंदगी में मशगूल थे. मैं भी दिल्ली के पहाड़गंज में आवारागर्दी कर रहा था. एक दुकान पर गोल्डफ्लेक सिगरेट को जैसे ही मैने चिंगारी के हवाले किया, मेरी नज़र सामने लगे एक मशहूर न्यूज़ चैनल की ब्रेकिंग न्यूज़ पर थम गईं - 'मुंबई पर पाकिस्तान का हमला'... 'हत्या और दरिन्दगी का सिलसिला बदस्तूर जारी'... विजुअल्स मुंबई की लगातार वीरान हो रही सड़कों के थे.
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