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Friday, February 25, 2011

मंडी हाउस की वो शाम,मैं,मेरी मैलिसा और...

मंडी हाउस की वो शाम,मैं,मेरी मैलिसा और...: "वेलेंटाइन डे स्पेशल:पार्ट-2 मंडी हाउस की वो शाम कुछ सुहानी थी. इससे खूबसूरत मंडी हाउस, पहले मुझे कभी नहीं लगा. मंडी हाउस ही क्यों? पूरी दिल्ली, दिल्ली ही क्यों? पूरी दुनिया भी मुझे कभी इतनी हसीन नहीं लगी. आज दुनिया की हर चीज मुझे खूबसूरत लग रही थी. खूबसूरत भी क्यों न लगे? आज मेरे मन की जो मुराद पूरी हो रही थी. आगे .......... आगे क्या हुआ ? जानना चाहते हैं ? कहानी दिलचस्प है. जरा दिल थाम कर सुनियेगा.

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