आई हेट सुप्रिय प्रसाद.............................?: "बखूबी याद है 29 जनवरी की वो शाम. अपने एक मित्र से मिलने बीएजी फिल्म्स(न्यूज़24/E24) गया. अपने दोस्त से मिला. मिलने के बाद लौटते वक्त जो सुना उसपर एकबारगी यकीन नहीं हुआ. यकीन हो भी तो कैसे? कथित रूप से अपने आप को बड़ा पत्रकार मानने वाले शख्स के मुंह से निकले अमृतवचन ने कानों को फ्रिज कर दिया.
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