धर्म की बात हो और कबीर की चर्चा न हो ऐसा कैसे हो सकता है। कबीरदास पढ़े-लिखे नहीं थे। कबीरदास ने खुद कहा...“मसि कागद छुए नहीं, कलम गही नहीं हाथ”अर्थात कागज और स्याही कभी छुआ नहीं,कलम को कभी हाथ नहीं लगाया। फिर भी धर्म के बारे में कबीर का दर्शन गजब का था। धर्म में व्याप्त कुरीतियों को लेकर कबीर ने हिंदू-मुस्लिम दोनों को लताड़ा।
Media Khabar – Hindi Journalists News – News in Hindi by Media Khabar
No comments:
Post a Comment