न्यूज़ में सीरियल या सीरियल में न्यूज चैनल ?ख़बरिया चैनल गिद्ध की तरह ताक लगाए बैठ रहते हैं कि कब किस सीरियल में कोई मोटा बकरा मरे और वो उसे फौरन चट कर जाएं। एक ज़माना था जब खबरिया चैनलों की खबरें एक आम आदमी की जद्दोजहद का थर्मामीटर होती थी। उन चैनलों में देश - विदेश की बड़ी ख़बरों के साथ-साथ कस्बों और गांव की ख़बरों की भी तवज्जो मिलती थी। आजतक जैसे कार्यक्रम के लिए लोग 10 बजे रात का इंतज़ार करते थे। आज आलम ये है कि कोई भी समझदार और संवदेनशील शख्स इन खबरिया चैनलों को दस मिनट भी नहीं झेल सकता। अक्सर लोग चैनलों की हेडलाइन देख लेते हैं और अपनी निगाहें फेर लेते हैं।http://www.mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=106&tid=2306
Media Khabar – Hindi Journalists News – News in Hindi by Media Khabar
No comments:
Post a Comment