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Tuesday, January 19, 2010

जुबान फिसलने के अजब-गजब फ़साने

कई बार एंकर-रिपोर्टर कहना कुछ चाहते हैं और निकल कुछ और जाता है. गलती छोटी सी होती है. लेकिन उस छोटी सी गलती से अर्थ का अनर्थ निकल जाता है. कई बार ये गलतियाँ बड़ी मजेदार होती है. और कई बार जाने-अनजाने हुई इन गलतियों से एंकर-रिपोर्टर पानी-पानी हो जाते हैं. ऐसी ही कुछ मजेदार गलतियाँ पेश है :
एक न्यूज चैनल में एंकर को पढ़ना था - शिक्षा विकास का मूलमंत्र है , एंकर ने पढ़ा - शिक्षा विकास का मलमूत्र है . READ MORE...

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