इन दिनों भोजपुरी गीतों और फिल्मों का दौर है। भोजपुरी फिल्म की यात्रा प्रारम्भ हुई थी गंगा मईया तोहे पियरी चढईबो से। उसके बाद कई भोजपुरी फिल्में बनी लेकिन उन्हें इस भोजपुरी फिल्म की तरह न प्रसिद्धि मिली और न व्यवसायिक सफलता। उस दौर के फिल्मों की यह खूबी थी कि उनके गीतों में काव्य सौष्ठव होता था। मसलन गंगा मईया तोहे पियरी चढईबो का गीत सोनवा के पींजडा में बंद भईली हाय राम कि चिडई के जीयरा उदास या हे गंगा मईया तोहे पियरी चढईबो, सईंया से कर द मिलनवा आदि गीतों में रसात्मकता के साथ-साथ काव्यात्मकता भी थी।
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