Search This Blog
Wednesday, April 1, 2009
शहर के भीतर कई शहर
आपने अली बाबा और चालीस चोर की कहानी तो देखी, पढ़ी या सुनी होगी. उसमें एक चोर जब अलीबाबा का घर पहचान लेता है तो उसके बाहर क्रास का निशान लगाकर चल देता है. अगली सुबह चालीस चोर आते हैं. लेकिन हर घर के आगे क्रास का निशान लगा रहता है. इसलिए चालीस चोर मिलकर अली बाबा का घर नहीं खोज पाते. ठीक यही कहानी इस देश के शहरों की हो चुकी है. चाहे मुंबई हो या अहमदाबाद या सूरत. सबके मास्टर प्लान एक जैसे हैं. इसलिए अब शहर के भीतर शहर पहचान पाना आसान नही रह गया है. सब शहर एक जैसे नजर आते हैं. और शहरों के रहवासियों की दशा अब दुर्दशा में बदल चुकी है. देश की तरक्की के केन्द्र में बड़े शहर हैं। पूरी ख़बर मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=115&tid=835
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment