Search This Blog

Tuesday, March 17, 2009

हिंदी के न्यूज़ चैनल अपने आप को असभ्य समाज का हिस्सा मानते हैं

हिंदी के न्यूज़ चैनल अपने आप को असभ्य समाज का हिस्सा मानते हैं - प्रोफ़ेसर असग़र वजाहत

टेलीविजन चैनलों ने मुंबई में हुई आतंकवादी घटना को जिस तरह से दिखाया उससे एक ग़लत परंपरा की शुरुआत हुई है। पूरी घटना को बहुत ही अधिक नाटकीय, अतिरंजित, सनसनीखेज और गैर जरूरी तरीके से लोगो के सामने पेश किया. एक ही घटना की गैरजरूरी तरीके से पुनरावृति होती रही. विजुअल न होने के बावजूद बार - बार एक ही चीज को सिर्फ़ वायस ओवर के ऊपरलगातार दिखाया जाता रहा. कहने का मतलब है की पूरी घटना के दौरान जैसी कवरेज़ की गई उससे न केवल देखने वाले दर्शकों का नुकसान हुआ बल्कि एक ग़लत परम्परा की शुरुआत भी हुई. . पुरी ख़बर मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=787

No comments:

Post a Comment