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Friday, February 6, 2009

कल्याण का रास्ता दिल्ली नहीं नागपुर जाता है
मेरे छात्र राजनीति के दौर के एक मित्र हैं जो मुलायम सिंह के उत्तर प्रदेश के प्रमुख 25 मैनेजरों में से एक हैं और 2 जून 1995 के लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस कांड के प्रमुख अभियुक्तों में से भी एक हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के एक कर्णधार कुंवर नटवर सिंह का बयान आया जिसका लब्बो लुबाव था कि सरकार तो सपा की ही बनेगी भले ही भाजपा के सहयोग से बने। हालांकि न नौ मन तेल हुआ और न राधा नाचीं। न मुलायम सिंह सौ से ऊपर पहुंचे और न भाजपा के समर्थन से सरकार बनने की नौबत आई। मैंने अपने उक्त मित्र महोदय से ये पूछा कि नटवर सिंह ने यह क्या कह दिया? मेरे मित्र निजी बातचीत में भी बहुत सोच समझकर बोलते हैं, पर जो बोलते हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5, विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ में यह क्या चल रहा है। ( हालांकि इस निजी बातचीत का जिक्र करना सैद्धांतिक रूप से गलत है, परंतु जो बात हम आगे कहना चाह रहे हैं उसके लिए जरूरी भी है।)
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