सहारा : भ्रष्टाचार की गढ़ में भ्रष्टाचारी: "मराठी की एक कहावत याद आती है कि किसी दूसरे के अपशगुन करने के लिए खुद अपनी नाक काटकर उसके सामने पहुँच जाना ताकि नकटे को देखकर सामनेवाले का दिन बिगड़ जाए. ऐसा ही सहाराश्री ने किया.
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