बाबा रामदेव का लोककारी हठयोग: "देश की जनता उनकी अनन्य भक्त है। दैनिक योग-प्रक्रिया के अनुपालन से बाबा रामदेव ने गरीबों को असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाई है। आधे दशक से भी कम समय में भारत रोगमुक्त और लाइलाज बीमारियों के प्रकोप से निजात पा चुका है। ऐसा औरों का नहीं बाबा रामदेव का खुद ही मानना है। अपनी संपति को लोक-संपति घोषित कर चुके बाबा रामदेव पूँजी के अनावश्यक एकत्रण के सख्त खिलाफ हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ हालिया अभियान इसी का प्रमाण है। वे कहते हैं-‘विदेश ले जाए गए काले धन को राष्ट्रीय सम्पति घोषित किया जाना चाहिए और काला धन रखने को राजद्रोह के समान समझा जाना चाहिए।’
योगगुरु का उसूल है कि जो देने योग्य है उससे अधिकतम वसूल करो। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वे कारोबारी हैं या कि योग-साधना को ‘व्यापार’ की तरह ‘हैण्डल’ करते हैं; जैसा कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने ताजा बयान में कहा है। बड़बोलेपन के आदी कांग्रेस महासचिव यह क्यों भूल जाते हैं कि अमीर लोग मुफ्त-सेवा या चिकित्सा के बूते कभी ठीक ही नहीं हो सकते हैं।
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