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Thursday, April 30, 2009

चुनाव-पर्व आयो,पत्रकारों को भायो

चुनाव एक पर्व है। हमारे देश में तो वैसे पर्व त्योहारों की भरमार है,लेकिन जो महत्वपूर्ण पर्व उंगलियों पर गिने जा सकते हैं, उसमें चुनाव-पर्व का स्वागत खूब तैयारी के साथ होता है।
चुनाव नेता-आधारित पर्व है, लेकिन इसमें नेताओं के साथ भ्रष्टाचारी, बाहुबली, बुद्दिजीवी, खेत-खलिहान में काम करने वाले किसान सभी जुड़ते जाते हैं। यानी यह चुनाव का महापर्व आम आदमी का महापर्व बन जाता है। इसमें सबसे ज्यादा पत्रकार जुड़ते हैं, क्योंकि राजनीति और पत्रकारिता का सम्बंध चोली-दामन का सम्बंध होता है। जब चुनाव का पर्व प्रारम्भ होता है और उत्सव चलता रहता है, तो पत्रकार उसमें इतने व्यस्त हो जाते हैं और उत्सवी चकाचौंध के अंग बन जाते हैं कि साहित्य की झिलमिलाहट उन्हैं दिखाई ही नहीं पड़ती । आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=116&tid=958

Tuesday, April 28, 2009

समाचार चैनलों में साहित्य के नाम पर लोगों की भृकुटियाँ चढ़ जाती है

समाचार चैनलों में पत्रकारिता के लिए गुंजाइश काफी कम रह गयी है। टेलीविजन न्यूज़ चैनलों में आप घर - परिवार चलाने के लिए नौकरी कर सकते हैं पत्रकारिता नहीं. आप पत्रकारिता के माध्यम से जिस तरह का काम करना चाहते हैं वह टेलीविजन में रहते हुए संभव नहीं है. आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=36&tid=954

Monday, April 27, 2009

महिलाओं के लिए राजनीति की डगर अभी भी कठिन है

- सतीश कुमार सिंह

कहते हैं कि स्त्री और पुरुष एक सिक्का के दो पहलू हैं, लेकिन भारत में हकीकत ठीक इसके उलट है। आज भी भारत में महिलाओं के साथ जिंदगी के हर कदम पर दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है। उन्हें पुरुषों के समकक्ष कभी नहीं समझा जाता। भले ही आज तस्वीर थोड़ी सी बदल गई है, फिर भी हालात आज भी शोचनीय है।

कितनी बड़ी उलटबाँसी है कि 21 वीं सदी के इस दौर में भी औरत को डायन बता कर मारा जा रहा है। कन्या भ्रूण को जन्म लेने के पहले ही मौत की नींद सुलाया दिया जाता है। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=30&tid=950

वो सुबह कब आयेगी

78 साल के अर्जुन सिंह को कांग्रेस ने लॉयल्टी का पुरस्कार दिया। उनके बेटे और बेटी दोनों को ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया। अर्जुन सिंह को हार कर अपनी बेटी के खिलाफ भी प्रचार करना पड़ा। ये उसी समय की बात है जिन दिनों प्रियंका गांधी अमेठी में घूम घूम कर भैया राहुल को पीएम मैटिरियल बता रहीं थीं। यानि कुल मिलाकर बता रहीं थी कि केवल गांधी परिवार ही देश पर हुकूमत कर सकता हैं। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=953

Saturday, April 25, 2009

हिंदी न्यूज़ चैनल सीएनईबी के एक साल पूरे हुए

हिंदी न्यूज़ और इंटरटेनमेंट चैनल सीएनईबी (कम्प्लीट न्यूज़ एंड इंटरटेनमेंट ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड) ने सफलतापूर्वक अपने एक साल पूरे कर लिए। पिछले साल मई 2008 में इसे लॉन्च किया गया था. आगे मीडिया ख़बर पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=947

Thursday, April 23, 2009

लोकतंत्र का महापर्व और मीडिया

भारत जैसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया की समझ और उसका कवरेज बहुत आसान नहीं है। चुनावों में न सिर्फ मीडिया की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है वरन स्वस्थ लोकतंत्र के विकास में यह चुनौतीपूर्ण भी हो जाती है। चुनाव के दौरान मीडिया की विश्वसनीयता भी दांव पर लग जाती है और यह कहना बहुत कठिन है कि वह इसमें कितना खरा उतरता है। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=33&tid=939

Monday, April 20, 2009

टेलीविजन के लिए आईपीएल-2 का पहला दिन रहा फ्लॉप शो

टेलीविजन के हिसाब से आईपीएल-2 का पहला दिन निराशाजनक रहा। पिछले बार की तुलना में आईपीएल देखने वाले दर्शकों की संख्या 16 % कम रही। पिछली बार की तुलना में दर्शकों के मैच देखने के औसत समय में भी कमी आई है. सेटमेक्स पर दर्शकों के द्वारा मैच देखने का औसत समय 32 मिनट रहा जबकि ...
आगे मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=60&tid=935

Sunday, April 19, 2009

बुरा मानों या भला : हे देवियों, जरा बापू को याद करो > खुशवंत सिंह को हो क्या गया है।


शनिवार को मैं दैनिक हिंदुस्तान अख़बार पढ़ रहा था। उसमें खुशवंत सिंह साहब का लेख छपा था। खुशवंत सिंह ने चार हिंदू महिलाओं उमा भारती, ऋतम्भरा, प्रज्ञा ठाकुर और मायाबेन कोडनानी पर गैर-मर्यादित टिप्पणी की थी। फरमाया था कि ये चारों ही महिलाएं ज़हर उगलती हैं लेकिन अगर ये महिलाएं संभोग से संतुष्टि प्राप्त कर लेतीं तो इनका ज़हर कहीं और से निकल जाता। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=930

Saturday, April 18, 2009

80 घंटे तक टीवी देखकर बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

ग्रेटर नोयडा के प्रोफ़ेसर रितेश गुप्ता ने 80 घंटे तक लगातार टेलीविजन देखकर एक अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=66&tid=928

Thursday, April 16, 2009

राखी, मीडिया और स्वयंवर

राखी सावंत पर एक बार फिर मीडिया फिदा है। वे फिदा करना जानती भी हैं। अब वे एक टीवी चैनल पर शादी रचाने जा रही हैं। राखी फिर खबर बन गई हैं। मीका प्रकरण से आगे बढ़कर प्रेमी को कैमरों के सामने थप्पड़ मारती और उसे अपने पैरों पर नाक रगड़वाती राखी, नृत्य प्रतियोगिता में धमाल मचाती राखी, बिग बास के घर में कभी नाचती कभी रूठती राखी अब फिर एक नए अवतार में हैं। आगे मीडिया ख़बर पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=33&tid=917

सहारा ने लोकसभा चुनाव के लिए वेबसाइट लॉन्च किया

सहारा ने लोकसभा चुनाव के लिए वेबसाइट लॉन्च किया
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=919

Tuesday, April 14, 2009

टोटल टीवी के सर्वेक्षण में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी

टोटल टीवी ने लोकसभा के लिए जो सर्वेक्षण किए हैं, उसके मुताबिक़, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है। 543 के सदन में कांग्रेस को 195 सीटें मिलने की संभावना है। जबकि बीजेपी को केवल 131 लेफ्ट को केवल 30 सीटें मिल रही हैं।। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=59&tid=911

जूता, कांग्रेस और अपराध बोध

जूता, कांग्रेस और अपराध बोध- प्रभात शुंगलू, एडिटर, स्पेशल एसाइनमेंट, आईबीएन 7, मंगलवार, 14 अप्रैल, 2009
नेता और जूता। क्या नेताओं को जूते की भाषा में तौला जायेगा। जो जरनैल ने किया वो कतई अशोभनीय था। पत्रकार की पहचान जूता नहीं कलम है। जरनैल अपने इमोशन पर काबू नहीं ऱख पाये इस पर उन्होने खेद भी जताया।

जरनैल का ये जूता चिदंबरम को भले न लगा हो मगर जनता भांप गयी जूता किस पर फेंका गया था। जूता चिदंबरम पर नहीं कांग्रेस की उस ......
आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=907

Monday, April 13, 2009

टीआरपी का नया सितारा - वरुण गाँधी

टीआरपी का नया सितारा - वरुण गाँधी - सोमवार, 13 अप्रैल, 2009

भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता वरुण गाँधी से संबंधित खबरें आजकल खूब टीआरपी बटोर रही है। यही वजह है कि वरुण गाँधी न्यूज़ चैनलों के प्राइम टाइम पर छाए हुए हैं.

मीडिया पर शोध करने वाली सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने यह बात कही है। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=60&tid=906

फिजी में मीडिया पर सेंसर

फिजी में मीडिया पर सेंसर - मीडिया खबर, सोमवार, 13 अप्रैल, 2009
फिजी की मीडिया पर वहां की सैन्य सरकार ने कई तरह के प्रतिबन्ध लगा दिए हैं जिससे वहां की मीडिया अब स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कुछ नहीं कह पाएगी। आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर।
लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=42&tid=904

एडमिशन एलर्ट - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय

एडमिशन एलर्ट - माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय - सोमवार, 13 अप्रैल, 2009

विज्ञापन एवं जनसंम्पर्क पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारंभ

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित एम.ए- विज्ञापन एवं जनसंम्पर्क पाठ्यक्रम में सत्र 2009-2010 के लिये प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो गयी है। प्रवेश के लिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अप्रेल 2009 है । आगे मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=39&tid=905

बाजार में संचार प्रौद्योगिकी और उसके नकारात्मक प्रभाव-

संजय द्विवेदी, रीडर, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, सोमवार, 13 अप्रैल, 2009

सूचना नहीं सूचना तंत्र की ताकत के आगे हम नतमस्तक खड़े हैं। यह बात हमने आज स्वीकारी है, पर कनाडा के मीडिया विशेषज्ञ मार्शल मैकुलहान को इसका अहसास साठ के दशक में ही हो गया था। तभी शायद उन्होंने कहा था कि ‘मीडियम इज द मैसेज’ यानी ‘माध्यम ही संदेश है।’ मार्शल का यह कथन सूचना तंत्र की महत्ता का बयान करता है। आज का दौर इस तंत्र के निरंतर बलशाली होते जाने का समय है। नई सदी की चुनौतियां इस परिप्रेक्ष्य में बेहद विलक्षण हैं। पिछली सदी ने सूचना तंत्र के उभार को देखा है, उसकी ताकत को महसूस किया है। aआगे मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=33&tid=889

Sunday, April 12, 2009

महीने का ब्लॉग - चोखेरबाली

धूल जब तक पाँवों के नीचे है, स्तुत्य है, जब उड़ने लगे, आँधी बन जाए, आँख में गिर जाए तो बेचैन करती है। आँख की उस किरकिरी को निकाल बाहर करना चाहता है समाज। स्त्री उसकी आँखों को निरंतर खटकती है जब वह अपनी ख्वाहिशों को अभिव्यक्त करती है ; जब - जब वह अपनी ज़िन्दगी अपने मुताबिक जीना चाह्ती है, जब - जब वह लीक से हटती है, वह जब अपनी अस्मिता की खोज करना चाहती है, वह जब - जब तय मानकों को तोड़ती है अपनी कथनी, लेखनी या व्यवहार में; फिर चाहे वह वास्तविक जगत में हो या आभासी जगत मे। हिन्दी की वर्चुअल स्पेस में .... आगे मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=65&tid=903

Thursday, April 9, 2009

संजय गुप्ता, स्टार इंडिया के नए सीओओ बने

लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=114&tid=885

राजेंद्र माथुर होने का मतलब : पुण्यतिथि ( 9 अप्रैल, 1991) पर विशेष

राजेंद्र माथुर यानी हिंदी पत्रकारिता का वह नाम जिसे छोड़कर हम पूरे नहीं हो सकते। उनकी बनाई राह आज उनकी अनुपस्थिति में ज्यादा व्यापक और स्वीकार्य होती जा रही है।। पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=37&tid=891

भारत के लिए विश्व बैंक

भारत के लिए विश्व बैंक - शिरीष खरे, बुधवार, 08 अप्रैल, 2009
विश्व बैंक की शर्तो के तहत गरीबी हटाने के नाम पर किए गए ढांचागत समायोजन कार्यक्रमों के परिणाम अब सर्वत्र दिखाई देने लगे हैं । भारत विश्व बैंक के ४ सर्वाधिक बड़े कर्जदारों में शामिल है । नव-उपनिवेशवादी नीतियों के कारण देश की ६५ प्रतिशत आबादी का भरण-पोषण करने वाला कृषि क्षेत्र आज दयनीय हालत में है । हरित क्रांति की आत्ममुग्धता के बावजूद खाद्यान्न आत्मनिर्भरता लगातार कम हो रही है । विदेशी मुद्रा भण्डार का बड़ी मात्रा में उपयोग अनाज, दलहन और खाद्य तेलों के आयात में हो रहा है । पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=115&tid=881

यूपीए को फायदा, एनडीए को झटका, मायावती के पास सत्ता की चाभी

त्रिवेणी मीडिया लिमिटेड और VOI नेटवर्क के ओपीनियन पोल के नतीजे आ गए हैं। इस पोल के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन सबसे बड़े गठबंधन के रूप में सामने आएगा और लेकिन बहुमत से दूर उसकी सीटों की संख्या 230 पर ही सिमट जाएगी। पूरारिजल्ट मीडिया ख़बर.कॉम । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=114&tid=883

Tuesday, April 7, 2009

तेजेन्द्र शर्मा की कहानियों के पात्र नया रास्‍ता तलाशते हैं : कृष्णा सोबती


तेजेन्द्र शर्मा की कहानियों से गुज़रते हुए हम यह शिद्दत से महसूस करते हैं कि लेखक अपने वजूद का टेक्स्ट होता है। तेजेन्द्र के पात्र ज़िन्दगी की मुश्किलों से गुज़रते हैं और अपने लिये नया रास्ता तलाशते हैं। वह नया रास्ता जहां उम्मीद है। तेजेन्द्र की कहानियों के ज़रिये हिन्दी के मुख्यधारा के साहित्य को प्रवासी साहित्य से साझेपन का रिश्ता विकसित करना चाहिये। हम उनकी जटिलताएं, उनके नज़रिये और उनके माहौल के हिसाब से समझें।” मूर्धन्य उपन्यासकार एवं कथाकार कृष्णा सोबती ने आज अपने ये विचार कथाकार तेजेन्द्र शर्मा के लेखन और जीवन पर केन्द्रित पुस्तक ‘तेजेन्द्र शर्माः वक़्त के आइने में’ के राजेन्द्र भवन सभागार में आयोजित लोकार्पण के अवसर पर प्रकट किए।

पुरी रिपोर्ट मीडिया ख़बर पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=29&tid=878

पत्रकार ने गृहमंत्री चिदंबरम पर जूता फेंका

दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस में उस वक़्त सभी सकते में आ गए जब एक पत्रकार ने गृहमंत्री चिदंबरम पर जूता फेंक दिया। जूता फेंकने वाले पत्रकार का नाम जरनैल सिंह है जो दैनिक जागरण का पत्रकार है. पूरी ख़बर mएडिया ख़बर.कॉम पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=57&tid=879

Monday, April 6, 2009

मीडिया सर्वे : राजनीतिक पत्रकारिता पर खास सर्वे (Media survey on political journalism)



मीडिया पर केंद्रित हिन्दी की मासिक पत्रिका मीडिया मंत्र अपने वेब पार्टनर मीडिया ख़बर.कॉम के साथ मिलकर राजनीतिक पत्रकारिता पर केंद्रित एक सर्वे करवा रहा है. कृपया आप भी इस सर्वे में भाग लें और वोट करें. वोट करने की प्रक्रिया बेहद आसान है और बमुश्किल इसमें एक मिनट का समय लगेगा. अपना अमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद. वोट करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. http://www.esurveyspro.com/Survey.aspx?id=551736d4-b678-4a8d-9143-2d5754bc1c05


यदि कोई samshya आती है तो आप मीडिया ख़बर.कॉम (http://mediakhabar.com/) के वेबसाइट पर जाकर अपना वोट डाल सकते हैं. यदि फिर भी कोई समस्या हो तो हमें मेल करें. आप हमसे 09999177575 पर संपर्क भी कर सकते हैं. इसके पहले मीडिया मंत्र और मीडिया ख़बर.कॉम ने मुंबई में हुई आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण के औचित्य और समाचार चैनलों में काम करने वाली महिलाओं को केंद्र में रखकर एक सर्वे करवाया था जो बेहद सफल रहा. पूर्व में हुए सर्वे के विस्तृत परिणाम को आप मीडिया खबर.कॉम पर जाकर देख सकते है. लिंक : http://www.mediakhabar.com/topics.aspx?mid=107


Friday, April 3, 2009

२ अप्रेल मुख्य समाचार - आजतक

आतंकवादी के लाईव फोनों का कोई जस्टिफ़िकेशन सही नही

आतंकवादी के लाईव फोनों का कोई जस्टिफ़िकेशन सही नही- आनंद प्रधान, मीडिया विश्लेषक और अध्यापक, शुक्रवार, 03 अप्रैल, 2009
आनंद प्रधान जाने-माने मीडिया विश्लेषक हैं। मीडिया और पत्रकारिता से जुड़े कई मुद्दों पर उनके लेख अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित तौर पर छपते रहे हैं। इन्होने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पीएचडी की है और उनके शोध का विषय था - प्रिंट मीडिया और आतंकवाद (पंजाब समस्या के विशेष सन्दर्भ में)। फिलहाल वे भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में बतौर सह - प्राध्यापक कार्यरत हैं। मुंबई में हुई आतंकवादी घटना के सीधे प्रसारण के मुद्दे पर उनकी राय : पूरा लेख मीडिया खबर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=837

कुपोषण ने फिर से मध्यप्रदेश में कसा अपना शिकंजा

कुपोषण की सुनामी का सामना करने के बाद अभी मध्यप्रदेश के हालत ठीक से सामान्य भी नहीं हुए थे कि पुनः भोपाल के मलिन बस्ती और जातखेड़ी में कुपोषण के कुछ मामले प्रकाश में आये हैं। सरकार के ठीक नाक के नीचे भोपाल में प्रकाश में आए इन ताजे कुपोषण के मामलों ने इतना जरुर सिद्व कर दिया है कि मध्यप्रदेश को ; कुपोषण के चक्र से आसानी मुक्ति मिलना संभव नहीं है, क्योंकि एक अरसे से यहाँ कुपोषण और भुखमरी से बच्चे मर रहे हैं।
गैर सरकारी संगठन “बचपन” के हालिया किए गए सर्वेक्षण के आंकडों पर यदि यकीन किया जाए तो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पर भी कुपोषण का साया मंडरा रहा है। ”बचपन“ के अनुसार मलिन बस्ती और जातखेड़ी में हर 50 बच्चों में से 33 बच्चे गंभीर रुप से कुपोषण के शिकार हैं। यह सर्वेक्षण इन दोनों बस्तियों के उन 50 बच्चों पर किया गया था, जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम थी। यदि इस आंकड़े को प्रतिशत में परिर्विर्तत किया जाए तो इसका प्रतिशत 50 से भी ज्यादा है। पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=115&tid=838

Wednesday, April 1, 2009

आईबीएन-७ हेडलाईन्स : १ अप्रेल

चौथी दुनिया किसी भविष्यवाणी के तहत नहीं आ रहा- संतोष भारतीय, संपादक, चौथी दुनिया



हिंदी का पहला साप्ताहिक अखबार चौथी दुनिया 16 साल बाद एक बार फिर से निकलने जा रहा है। पहली बार जब यह 1986 में शुरू हुआ था तब इसके संपादक संतोष भारतीय और स्वामी, मुद्रक और प्रकाशक कमल मोरारका थे. आज जब चौथी दुनिया की दूसरी पारी शुरू होने जा रही है तो फिर से इसके संपादक संतोष भारतीय और स्वामी, मुद्रक और प्रकाशक कमल मोरारका हैं.


पिछले 10-15 सालों में हिंदी पत्रकारिता के स्वरुप में बड़ा परिवर्तन आया है. ऐसे में चौथी दुनिया क्या एक बार फिर से पत्रकारिता की दुनिया में अपनी जगह बना पाएगी? चौथी दुनिया के सामने किस तरह की चुनौतियाँ होंगी? इन सभी मुद्दों पर मीडिया खबर.की चौथी दुनिया के संपादक संतोष भारतीय से खास बातचीत . बातचीत के प्रमुख अंश मीडिया ख़बर पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=17&tid=832

झारखंड में नरेगा से जुड़ी समस्याओं के निवारण हेतु देश की पहली लोक अदालत की स्थापना

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना वर्तमान में कांग्रेस की चुनाव में नैया पार करवाने का सबसे बड़ा आधार प्रतीत हो रहा है। इस योजना द्वारा सफलता पूर्वक तीन साल पूरे करने के अवसर पर हाल ही में अख़बारों और टेलीविजन चैनेलों पर विज्ञापन आ रहे थे। प्रभावशील आंकड़ों से सभी अखबारों का एक पूरा पन्ना पटा पड़ा था। आंकड़ों का मायाजाल मतदाताओं को कितना प्रभावित करेगा, यह तो फिलहाल समय के गर्भ में अंर्र्तिर्निहत है ?
ध्यातव्य है कि कांग्रेस पार्टी की नज़र में , भले ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना बहुत ही सफल है, लेकिन हकीकत में इस योजना का हाल भी अन्य योजनाओं की तरह हो रहा है। विवाद इसका पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही है। इस योजना का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन अभी भी कोसों दूर है। पुरा लेख मीडिया ख़बर पर।

एडमिशन एलर्ट - भारतीय जन संचार संस्थान (2009-2010)

जनसंचार के प्रशिक्षण और अनुसंधान का अग्रणी संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान हर साल अपने यहाँ प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करता है। इस साल भी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. इस संबंध में आवेदन करने की अंतिम तारीख 17 अप्रेल रखी गयी है जबकि आवेदन फॉर्म प्राप्त करने की अंतिम तारीख 10 अप्रेल है. पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (अंग्रेजी और हिंदी) के अलावा रेडियो और टेलीविजन पत्रकारिता और विज्ञापन और जनसंपर्क में स्नातकोत्तर डिप्लोमा के लिए भी आवेदन किया जा सकता है. सबके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय में स्नातक की उपाधि होना है. पूरी सूचनामीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=39&tid=830

कौन बनेगा 'वीक' प्रधानमंत्री

लाल कृष्ण आडवाणी कहते हैं मनमोहन सिंह वीक प्राइम मिनिस्टर हैं। यूपीए की सत्ता का रिमोट कंट्रोल पांच साल 10 जनपथ यानि सोनिया गांधी के पास था। मान लिया। लेकिन आडवाणी जी वरूण के मामले पर आप क्यों चुप बैठे हैं। वरूण के जहरीले भाषण के बाद एक बार भी बयानों को कंडेम नहीं किया। एक बार भी उनकी तरफ से ये बयान नहीं आया कि पार्टी ऐसे लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। एक बार भी पार्टी को नहीं कहा कि वरूण के खिलाफ कार्यवाई होनी चाहिये। अटल जी के रिटायरमेंट के बाद पार्टी में आप सबसे वरिष्ठ हैं, प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी हैं। तो एक बार भी ये कहने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये कि वरूण को टिकट देकर गलती हुयी। एक बार भी वरूण से ये नहीं कहा कि जनता से अपनी गलती की माफी मांगे। पुरा लेख मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=834

शहर के भीतर कई शहर

आपने अली बाबा और चालीस चोर की कहानी तो देखी, पढ़ी या सुनी होगी. उसमें एक चोर जब अलीबाबा का घर पहचान लेता है तो उसके बाहर क्रास का निशान लगाकर चल देता है. अगली सुबह चालीस चोर आते हैं. लेकिन हर घर के आगे क्रास का निशान लगा रहता है. इसलिए चालीस चोर मिलकर अली बाबा का घर नहीं खोज पाते. ठीक यही कहानी इस देश के शहरों की हो चुकी है. चाहे मुंबई हो या अहमदाबाद या सूरत. सबके मास्टर प्लान एक जैसे हैं. इसलिए अब शहर के भीतर शहर पहचान पाना आसान नही रह गया है. सब शहर एक जैसे नजर आते हैं. और शहरों के रहवासियों की दशा अब दुर्दशा में बदल चुकी है. देश की तरक्की के केन्द्र में बड़े शहर हैं। पूरी ख़बर मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=115&tid=835

भाजपा का छद्म हिंदुत्व

वरुण गांधी के आग उगलू भाषण पर उनकी बहन प्रियंका गांधी ने बहुत नपे तुले शब्दों में अपने भाई को नसीहत दी, कि भाई वरुण पहले गीता पढ़ो। जाहिर है कि इस नसीहत से हिन्दुओं के स्वयंभू ठेकेदारों को आग बबूला होना ही था। सो रविशंकर प्रसाद ने तुरन्त मोर्चा संभालते हुए फरमान जारी कर दिया कि प्रियंका को हिन्दू धर्म पर बोलने का अधिकार नहीं है। अब चूंकि रविशंकर प्रसाद नागपुरी हिन्दुत्व के प्रमुख ठेकेदारों में हैं, सो उनसे ही सवाल पूछा जाना चाहिए कि भाई साहब, प्रियंका गांधी को किस आधार पर हिन्दू धर्म पर बोलने का अधिकार नहीं है? जाहिर है कि प्रसाद का बयान क्या होगा! यही कि फिरोज गांधी पारसी थे, सोनिया गांधी ईसाई हैं और प्रियंका ने भी ईसाई से विवाह किया है, इसलिए प्रियंका को हिन्दू धर्म पर बोलने का अधिकार नहीं है। पूरी ख़बर मीडिया ख़बर पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=30&tid=836

माया का मास्टर स्ट्रोक, वरुण पर रासुका कायम


मायावती ने वरुण गांधी पर रासुका कायम करवा कर 'मास्टर स्ट्रोक' मारा है। ये ऐसी करारी चाल है जिसने बीजेपी को तो चारों खाने चित्त कर ही दिया है, मुलायम सिंह यादव के समीकरणों पर भी पानी फेर दिया है। माया ने अपने मायाजाल में फंसा लिया है बीजेपी और समाजवादी पार्टी को, साथ ही मुसलमान वोटरों की नई मसीहा बन कर उभरी हैं। मायावती ने बेहद सधी हुई चाल चली है। एक तीर से तीन-तीन निशाने साध लिए हैं। मुलायम के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध मार दी है। बीजेपी के हिंदू वोटों के जवाब में मुस्लिम वोटों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने में भी वो कामयाब रहीं हैं। इसके अलावा ऐसा सॉलिड इंतज़ाम किया है कि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता बन कर उभर रहे वरुण गांधी की फायर जेल के भीतर ही ठंडी पड़ जाए और चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा न होने पाए। पुरा लेख मीडिया ख़बर पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=113&tid=827