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Friday, February 27, 2009

सज़ा - एक पत्र कसाब के नाम - प्रभात शुंगलू, एडिटर, स्पेशल एसाइनमेंट, आईबीएन 7

सज़ा - एक पत्र कसाब के नाम - प्रभात शुंगलू, एडिटर, स्पेशल एसाइनमेंट, आईबीएन

आमिर अजमल कसाब,
तुमने उस दिन टीवी नहीं देखा होगा। तुम और तुम्हारे तालिबानी और अल-कायदा टाइप आकाओं के दुश्मन देश अमरीका से एक डाइरेक्ट टेलीकास्ट आ रहा था। उस दिन सारा हिंदुस्तान - धारावी से लेकर कश्मीर तक, कोल्लम से लेकर बड़ोदरा तक, बनारस से लेकर मुंबई तक - टकटकी लगाये अपने अपने घरों में टीवी देख रहा था। वैसे टीवी देखना हिंदुस्तानियों का फेवरिट पास्ट टाइम है, ..... पुरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=35&tid=755

Thursday, February 26, 2009

शैशवकाल की टीवी पत्रकारिता के ज़िद्दी नौनिहाल


शैशवकाल की टीवी पत्रकारिता के ज़िद्दी नौनिहाल - चंदन प्रताप सिंह, राजनीतिक संपादक, टोटल टीवी : 26/02/09 देखते ही देखते साल 2008 भी बीत गया। इस एक बरस के दौरान टीवी पत्रकारिता ने बहुत कुछ होते देखा है। अब इन घटनाओं से टीवी के कई पत्रकारों को कितना अनुभव हासिल हुआ है, ये देखनेवाली बात है। अगर साल 2008 के टीवी पत्रकारिता का आंकलन करना चाहें तो मुंबई आतंकवादी घटना और दिल्ली सीरियल ब्लास्ट के बग़ैर अधूरी है। मुंबई आतंकवादी घटना को टीवी चैनलों ने युद्ध की तरह दिखाया। टीवी पत्रकारों के इस नए चेहरे को देखकर सरकार भी सकपका गई।... पुरी ख़बर मीडिया ख़बर पर । लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=752

बीमार विदर्भ पर फोकस

एक तरफ बिजली से रोशन शहर का भारत है. दूसरी तरफ खेती के खस्ताहाल से ढ़का देहाती भारत है. एक भारत को दूसरे भारत के बारे में कम ही पता है. फिल्म ‘समर 2007’ शहर और देहात के बीच की इसी खाई को भरने का काम करती है. यह पांच डॉक्टरों को विदर्भ में किसानों की समस्याओं से जोड़ती है.

इन दिनों बालीबुड से गांव गायब हो गए हैं। ऐसे में एक फिल्म देश के मौजूदा संकट को मुख्यधारा के करीब लाती है। लेकिन अब तक किसानों को सरकार की ठोस पहल का इंतजार है और फिल्म को दर्शकों के जरिए प्रचार का. यह फिल्म पूरे देश में नहीं दिखायी जा सकी है और बाहर भी कुल 338 शोज ही हुए . पुरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर। लिंक : http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=22&tid=745

चैनल के लोग भी ज़िम्मेदारी से अपना काम करते हैं

चैनल के लोग भी ज़िम्मेदारी से अपना काम करते हैं
- सुप्रिया प्रसाद, न्यूज़ डायरेक्टर, न्यूज़-24

मुंबई में हुई आतंकवादी गतिविधि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और इसे कवर करना न्यूज़ चैनलों के लिए बहुत ही अधिक चुनौतीपूर्ण था और न्यूज़ चैनलों ने पूरी ज़िम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका को निभाया। इसमें कोई कोताही नहीं बरती और पत्रकारों ने अपनी जान की परवाह किए बिना इस पुरी घटना की जानकारी लोगों तक पहुंचाई। लेकिन इसको लेकर जो आलोचनाएँ हो रही हैं वह बेतुकी है. बेमतलब है और उसमें दम नही हैं.आजकल टेलीविजन न्यूज़ चैनलों की आलोचना... पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=749

Sunday, February 22, 2009

इंटरव्यू:आशुतोष, प्रबंध संपादक, आईबीएन ७:मीडिया की सीमाएं मीडिया ही तय करेगा



इंटरव्यू:


मीडिया की सीमाएं मीडिया ही तय करेगा


आशुतोष, प्रबंध संपादक, आईबीएन ७


लाइव फोनों किसी आतंकवादी का होना चाहिये ये बहस का मुद्दा है । लेकिन पूरी दुनिया में आतंकवादी का इंटरव्यू चलता है और चलना भी चाहिये । दुनिया को ये जानने का हक है और मीडिया को ये तथ्य सामने लाना चाहिये कि कोई आतंकवादी क्यों बनता है और आतंकवादी घटनाए क्यों होती है । पुरा इंटरव्यू मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। http://mediakhabar.com/


Saturday, February 21, 2009

एक पत्र रजत शर्मा जी के नाम

एक दर्शक का इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा के नाम पत्र :

रजत शर्मा जी,
इंडिया टीवी
सर,
आप कैसे हैं ?
आपका काम कैसा चल रहा है ? चैनल की टी।आर.पी कैसी है ? अरे , मै ये सब क्या पूछ रहा हूँ. जाहिर सी बात है कि ....पुरा पत्र मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें।
http://mediakhabar.com/

मीडिया आज रखता है सब पर नज़र - कविता

मीडिया आज रखता है सब पर नज़र -
काम है इसका निष्पक्ष देना ख़बर..........ध्यान रखना ज़रूरी है इस बात का..........इस के कवरेज का होता है गहरा असर
पुरी कविता मीडिया ख़बर.कॉम पर .http://mediakhabar.com/

दो देशों के बीच लड़ाई छिड़ जाए तो क्या उसको भी लाईव दिखायेंगे -- विनोद मेहता, डायरेक्टर, टोटल टीवी


मुंबई में हुई आतंकवादी घटनाओं के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका को लेकर जिस तरह से सवाल किए जा रहे हैं उस संबंध में मेरा यह मानना है कि यदि मीडिया या चैनलों के लाइव प्रसारण से या कवरेज से आतंकवाद और आतंकवादी को मदद मिलती है या मदद मिल सकती है तो ऐसी घटना से जुड़ी सूचनाओं को देश हित में अपने तक ही सीमित रखना चाहिए। आतंकवाद से पूरा देश प्रभावित होता है।... पूरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। http://www.mediakhabar.com/

Friday, February 20, 2009

चक्रव्यूह में फंस रहा है देश का पत्रकार

भारतीय लोकतंत्र ने हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी दी, लेकिन इसी आज़ादी ने मीडिया के क्षेत्र में कुछ लोगों को उन्माद भी दिया। यह वही ‘उन्माद था जिसके तमाम संवेदन-शीलता, जवाबदेही और आत्मनियमन की लक्ष्मण रेखा पार कर किसी भी शिक्षिका की सरे-आम बेइज़्ज़ती करने के उद्देश्य से उसके कपड़े फाड़ सकता था, आचार-संहिता का उल्लंघन कर सकता था, औरतों की मंडी से कमला जैसी महिला को खरीद कर ‘सेंसेशनल जर्नलिज्म’ की देह को गरमा सकता था। पुरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर । यहाँ क्लिक करें। ....क्लिक

Thursday, February 19, 2009

पाक के हालात पर खुश होने की जरुरत नहीं

अभी खबर आई थी कि पाकिस्तान के कबायली इलाके की स्वात घाटी में तालिबान और पाक सरकार के बीच युद्ध विराम का समझौता हो गया है और पाक सरकार इस बात पर राजी हो गई है कि स्वात घाटी में तालिबान अब शरियत का कानून लागू करेंगे। ठीक इसी समय पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का बयान आया कि पाकिस्तान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। दोनों खबरें भारत को परेशान करने वाली हैं। स्वात में तालिबान के सामने पाक हुकूमत का घुटने टेकना और जरदारी की स्वीकारोक्ति... पुरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=30&tid=733

पत्रकारिता का सच : शहर के समय पर साहित्य के हस्ताक्षर( भाग-2)


मैं पटना जाने के लिए तैयार हो गया। बाबूजी की बीमारी, सबसे छोटी बहन का विवाह और पत्नी मीरा का अकेली रहना-ये सारी समस्याएं मेरे पैरों में जंजीर बन गयी थीं। लेकिन मैंने वह जंजीर तोड़ी और ठान लिया कि पटना जाना है।

मैंने पटना जाने का इस्पाती इरादा मन में ठान लिया। पारिवारीक समस्याओं पर विजय प्राप्त करने का उपाय सोचने लगा,क्योंकि मैं इस निष्कर्ष पर पहुंच चुका था कि जबतक सासाराम नहीं छोडूंगा तबतक मेरे जीवन-यापन और परिवार के भरण-पोषण का रास्ता नहीं खुलेगा। लेकिन साथ-साथ सासाराम का भी मोह मेरे मन में था। सासाराम में ही मेरे साहित्यिक और पत्रकारिता के संस्कार का पड़ा था, जो बाद में पटना में पल्लवित-संवर्धित हुआ। पुरी आत्मकथा मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=35&tid=731

Wednesday, February 18, 2009

बिहार के बाद "भोले शंकर" अब मुंबई में धूम मचायेगी/ सहारा समय-मुम्बई की आउटसोर्सिंग

बिहार में शानदार कामयाबी के बाद पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने पंकज शुक्ल की फिल्म भोले शंकर अब 20 फरवरी को मुंबई में रिलीज़ होने जा रही है। सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती की ये पहली भोजपुरी फिल्म बिहार, नेपाल और दूसरे भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में पहले ही कामयाबी के सौ दिन पूरे कर चुकी है। पुरी ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर....http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=22&tid=729

आर्थिक मंदी की मार झेल रहे मीडिया संस्थान मंदी से निपटने के तमाम तरीके अपना रही है. ताजा उदाहरण सहारा समय - मुंबई का है. सूत्रों के अनुसार सहारा समय - मुंबई को एक विदेशी कंपनी को आउटसोर्स कर दिया गया है.पुरी ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर.... http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=730

एक खौफ़नाक मंज़र में मीडिया

मीडिया, खबरों के चयन और उनके प्रसारण-प्रकाशन के लिए किन मानकों का उपयोग करता है, यह फिलहाल तय नहीं हैं। मुंबई पर हमले के बाद मीडिया की भूमिका की सराहना ही हुई है। ऐसा करने वालों में नारायणमूर्ति जैसे उद्योगपति और गैर राजनीतिक व्‍यक्ति भी थे। लोग रात भर जागते हुए इस घटना को टेलीविजन पर देखते रहे। यह स्‍वाभाविक ही था कि इस घटना की नई सूचनाओं और दृश्‍यों को जानने-देखने के लिए रिमोट पर उंगलिया चलती रहीं। पुरा लेख मीडिया ख़बर.कॉम पर।

Monday, February 16, 2009

क्या पत्रकार संघ आज की जरूरत हैं ?- संजय स्वदेश

मंदी के दौर में जब छंटनी की गाज गिरी तब भी पत्रकार संगठनों की कहीं से कोई आवाज नहीं आई। पत्रकारों पर जब-जब किसी तरह की गाज गिरी है तो अधिकतर संगठन चुप रहे है। वे ये कह कर मामला नहीं टाल सकते हैं कि उनके पास शिकायत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में संगठन की स्वयं पहल होनी चाहिए थी, जो नहीं दिखती। यह समय है विचार करने का। पत्रकार संगठन का कोई औचित्य भी है या महज दिखावे के लिए है। आखिर किसके लिए हो रही है पत्रकारिता। यदि जनता को जगाना है तो जनता का साथ ने इस मौके पर साथ क्यों नहीं दिया।
पुरा लेख यहाँ पढ़ें - - http://mediakhabar.com/topics.aspx?mid=33

Sunday, February 15, 2009

इंटरव्यू : ख़बर को ख़बर की तरह ही दिखा सकते हैं (अजित अंजुम, प्रबंध संपादक, बी।ए.जी फिल्म्स एंड मीडिया लिमिटेड )


ख़बर को ख़बर की तरह ही दिखा सकते हैं. उसको पेश करने का तरीका होता है. बहुत सारी ऐसी चीजें हमने उठायी है जो हमें लगता है कि हमने औरों से अलग की है या करने की कोशिश की है. लेकिन न्यूज़ में यदि पुरी तरह से कहेंगे कि आप अलग करें तो यह संभव नही है. पाकिस्तान का मुद्दा या कसाब को लेकर जो कशमकश चल रही है या मुंबई हमले की बात है, उसमें बहुत कुछ अलग करने की बात कहना थोड़ा मुश्किल है. यह सारी खबरें जिस रूप में आती है उसी रूप में चलती है. इसमें कुछ ज्यादा करने की गुंजाइश नही है.

नया चैनल होने के बावजूद न्यूज़ 24 ने पुराने और दिग्गज चैनलों के बीच एक साल के भीतर अपनी एक अलग पहचान बनाई है जो किसी कामयाबी से कम नही है। हमारा मार्केट शेयर भी बढ़ा है और हम लगभग एनडीटीवी के बराबर पहुँच गए हैं. एनडीटीवी का मार्केट शेयर लगभग 7% है. एनडीटीवी इतना पुराना चैनल है और बड़ा ब्रांड है. इसके बावजूद हम एक साल में लगभग एनडीटीवी के आसपास पहुँच गए हैं तो यह क्या किसी उपलब्धि से कम है. पुरा इंटरव्यू मीडिया ख़बर.कॉम पर। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=17&tid=686

Saturday, February 14, 2009

ब्रेकिंग न्यूज़ : चलती - फिरती कॉमेडी

आजकल की ब्रेकिंग न्यूज कॉमेडी न्यूज की तरह है। ब्रेकिंग न्यूज का मतलब है कोई गंभीर चीज। जब कोई खबर टूटती है तो उससे बहुत सारी सियासतें टूट जाती है। ऐसी खबरें ब्रेकिंग न्यूज होती हैं। लेकिन, अभी जैसा और जिस तरह का ब्रेकिंग न्यूज चल रहा है उसे देखकर हँसी आती है। पुरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=57&tid=685

ब्रेकिंग न्यूज़ : चलती - फिरती कॉमेडी



आजकल की ब्रेकिंग न्यूज कॉमेडी न्यूज की तरह है। ब्रेकिंग न्यूज का मतलब है कोई गंभीर चीज। जब कोई खबर टूटती है तो उससे बहुत सारी सियासतें टूट जाती है। ऐसी खबरें ब्रेकिंग न्यूज होती हैं। लेकिन, अभी जैसा और जिस तरह का ब्रेकिंग न्यूज चल रहा है उसे देखकर हँसी आती है। पुरी ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। नीचे लिंक दिया गया है।


http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=57&tid=685

मनोरंजन चैनल 'रियल' 2 मार्च को लॉन्च होगा

नया मनोरंजन चैनल 'रियल' 2 मार्च को लॉन्च होने जा रहा है। यह अल्वा ब्रदर्स और टर्नर इंटरनेशनल का संयुक्त उपक्रम हैं । आगे की ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें।

http://mediakhabar।com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=684

Friday, February 13, 2009

क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान की राह पर है



कहते है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। अफगानिस्तान में जो कुछ पिछले 30 सालो में हुआ. वो पाकिस्तान का किया कराया ही रहा. इसमें किसी शक की गुंजाइश नही रही. लेकिन जो पाकिस्तान ने बोया...वो अब काट रहा है. दरअसल जो एके -47 , राकेट लांचरं, मशीन गन पाकिस्तान ने कबाइलियो, पठानो,मुजाहिदीनो, तालिबानियो को दिये थे, वो उन्होने अब अपने आकाओं की तरफ ही मोड दी है. तो क्या पाकिस्तान भी अफगानिस्तान की राह पर है. जो मुजाहिदीन रूसियो के खिलाफ साथ थे...पुरी ख़बर मीडिया ख़बर पर पढ़ें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=30&tid=683


आखिरी चेहरा - कहानी - हरीश चंद्र बर्णवाल

मिस्टर कुमार टेलीविजन के बड़े पत्रकार हैं। इनका मार्केट इन दिनों अप है... टेलीविजन की भाषा में बोलूं तो इनकी टीआरपी काफी ऊपर चल रही है। लेकिन मिस्टर कुमार को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इन्हें अपना चेहरा कई बार बदलना पड़ता है। लेकिन इससे इन्हें कोई गुरेज नहीं। कहानी सुननी हो तो इनके चेहरे देखने जरूरी हैं । पुरी कहानी मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=29&tid=681

आखिरी चेहरा - कहानी - हरीश चंद्र बर्णवाल



मिस्टर कुमार टेलीविजन के बड़े पत्रकार हैं। इनका मार्केट इन दिनों अप है... टेलीविजन की भाषा में बोलूं तो इनकी टीआरपी काफी ऊपर चल रही है। लेकिन मिस्टर कुमार को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इन्हें अपना चेहरा कई बार बदलना पड़ता है। लेकिन इससे इन्हें कोई गुरेज नहीं। कहानी सुननी हो तो इनके चेहरे देखने जरूरी हैं । पुरी कहानी मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=29&tid=681

ब्रेकिंग न्यूज का एसएमएस - - रंजन जैदी, संपादक, समाज


ब्रेकिंग न्यूज - टीआरपी बढ़ाने का उपकरण


*ब्रेकिंग न्यूज़ के मुद्दे पर प्रभासाक्षी।कॉम के ग्रुप एडिटर बालेन्दु शर्मा दाधीच की राय :

Thursday, February 12, 2009

आतंकवादी घटनाओं के दौरान लाईव प्रसारण कितना सही - कितना गलत?-


आतंकवादी घटनाओं के दौरान लाईव प्रसारण कितना सही - कितना गलत?-
(मीडिया मंत्र और मीडिया खबर.कॉम का संयुक्त सर्वे)
मुंबई में हुई आतंकवादी घटनाओं ने देश को स्तब्ध कर दिया। इस घटना के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था और उससे जुड़ी एजेंसियों पर भी सवालिया निशान खड़े किए गए। इन सबके बीच मीडिया और उसमें भी खासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया की भूमिका को लेकर एक नए सिरे से आलोचना - प्रत्यालोचना का दौर शुरू हो गया। इस घटना को लेकर आलोचक जहाँ आलोचना करने से नहीं चुक रहे हैं। वहीं टेलीविजन प्रशासक इसे टेलीविजन न्यूज़ के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना मान रहे है और अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। पुरी रिपोर्ट मीडिया खबर पर पढ़ें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=107&tid=575

मीडिया तस्वीर - यह है आज का खबरिस्तान या फिर कब्रिस्तान

अपने चैनल की टीआरपी बढ़ानेके लिए आजकल चैनल वाले कैसे - कैसे कार्यक्रम चलाते हैं। उसका एक रूपक आप मीडिया ख़बर पर देखें। तस्वीर देखने के लिए मीडिया ख़बर.कॉम के साईट पर जायें। http://mediakhabar.com/

आज की खबरें - जी न्यूज़




आज की खबरें - स्टार न्यूज़ - क्रिकेट अपडेट


आज की खबरें - आज तक


आज की खबरें - सहारा समय


द स्टेट्समैन’ के संपादक को पुलिस ने गिरफ्तार किया



द स्टेट्समैन’ के संपादक को पुलिस ने गिरफ्तार किया : कोलकात्ता में कल अंग्रेज़ी अखबार द स्टेटसमेन के संपादक रविन्द्र कुमार और प्रकाशक आनंद सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनपर मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने आरोप है. आगे की ख़बर के लिए यहाँ क्लिक करें.


http://www.mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=657

ब्रेक करते ब्रेकिंग न्यूज़



ब्रेक करते ब्रेकिंग न्यूज़ / बेलगाम ब्रेकिंग न्यूज़


हिन्दी के खबरिया चैनलों पर आजकल ब्रेकिंग न्यूज को लेकर नई-नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं। कब कौन सी खबर किस चैनल के लिए ब्रेकिंग न्यूज हो जाए, यह कहना मुश्किल है। शुरुआती दौर में ब्रेकिंग न्यूज शब्द का इस्तेमाल न्यूज चैनलों में अति महत्वपूर्ण खबरों के लिए किया जाता था और ऐसी खबरें बहुत कम हुआ करती थी। पर, अब ब्रेकिंग न्यूज की संख्या हिन्दी के खबरिया चैनलों पर इतनी ज्यादा रहती है कि यह शब्द अपना मायने ही खोने लगा है। एक चैनल ने तो अपने कार्यक्रम का नाम ही ब्रेकिंग न्यूज रख दिया है --- आगे की खबर मीडिया खबर .कॉम पर पढ़ें। नीचें दिए गए लिंक पर क्लिक करें ।


http://www.mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=57&tid=655

Wednesday, February 11, 2009

वैलेंटाइन डे के विरोधियों को गुलाबी चड्डी का गिफ्ट


वैलेंटाइन डे के विरोधियों को गुलाबी चड्डी का गिफ्ट - मीडिया ख़बर:11/02/09 मंगलूर में पब जाने वाली लड़कियों की पिटाई के जिम्मेदार श्री राम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक और उनके लोगों के लिए इस वेलेंटाइन डे पर अनोखा तोहफा देने की तैयारी की जा रही है। आगे की ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। यहाँ क्लिक करें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=599

सौरभ गांगुली क्विज शो होस्ट करेंगे


सौरभ गांगुली क्विज शो होस्ट करेंगे : पूर्व भारतीय क्रिकेटर सौरभ गांगुली अब एक नई पारी खेलने जा रहे हैं। लेकिन यह पारी वे क्रिकेट के मैदान में नहीं बल्कि--- आगे की ख़बर मीडिया ख़बर.कॉम पर पढ़ें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। http://www.mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=598

नया इंकलाब लाओ, मेरे दोस्त जाग जाओ।

नया इंकलाब लाओ, मेरे दोस्त जाग जाओ।--- मुम्बई हादसे पर आधारित डॉ.रंजन जैदी की इस कविता को पुरा पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

http://www.mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=29&tid=597

ब्रेकिंग न्यूज़

टेलीविजन न्यूज़ चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चैनल लिखने के नए-नए तरीके अपनाए जाते है। ऐसी ही एक तस्वीर । तस्वीर देखने के लिए मीडिया ख़बर.कॉम पर जायें।
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तस्वीरें
















टेलीविजन चैनलों से संबंधित कुछ तस्वीरें

Monday, February 9, 2009

बाफ़्टा अवार्ड में भी स्लमडॉग मिलियनेयर की जय जयकार



बाफ़्टा अवार्ड में भी स्लमडॉग मिलियनेयर की जय जयकार
गोल्डन ग्लोब अवार्ड में धूम मचाने और प्रोड्यूसर्स गिल्ड आफ अमेरिका से हॉलीवुड में सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माण का सम्मान पाने के बाद अब ब्रिटिश फ़िल्म अकादमी के बाफ़्टा अवार्ड में भी स्लमडॉग मिलियनेयर का परचम लहरा गया है. आगे की ख़बर पढने के niche दिए गए लिंक पर क्लिक करें :

http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=66&tid=595


हास्य कवि अशोक चक्रधर की नई वेबसाइट / हास्य कवि अशोक चक्रधर अपना जन्मदिन मनाते हुए।


Sunday, February 8, 2009

आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण का औचित्य ?


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मीडिया मंत्र का नया अंक : आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण का औचित्य ? तस्वीर बोले :



  • मुम्बई आतंकवादी घटना के दौरान चैनलों के लाईव प्रसारण का एक रूपक

मीडिया सर्वे :



  • आतंकवादी घटनाओं के दौरान लाईव प्रसारण कितना सही - कितना ग़लत ?

आवरण कथा :



  • आतंकवादी घटनाओं के सीधे प्रसारण का औचित्य ?

आमने - सामने :



  • हिन्दी के न्यूज़ चैनल अपने - आप को असभ्य समाज का हिस्सा मानते हैं : प्रोफ़ेसर असगर वजाहत , वरिष्ठ कथाकार और

  • मीडियाकी सीमाएं मीडिया ही तय करेगा : आशुतोष , मैनेजिंग एडिटर , आईबीएन-७

  • राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए : के।के।कुमार , मुख्य प्रबंध निदेशक , शक्ति टीवी

  • आलोचना करने की परम्परा बन गई है : सुप्रिया प्रसाद, न्यूज़ डायरेक्टर , न्यूज़ २४

  • टेलीविजन के इतिहास की अभूतपूर्व घटना : अम्बिकानंद सहाय, डायरेक्टर, आजाद न्यूज़

  • टेलीविजन पत्रकार बधाई के पात्र हैं : आलोक पुराणिक , पत्रकार और के लाईव फोनों का कोई जस्टिफिकेशन सही नही : आनंद प्रधान , मीडिया विश्लेषक और अध्यापकदो देशों के बीच लड़ाई छिड़ जाए तो क्या उसको भी लाइव दिखायेंगे? : विनोद मेहता, डायरेक्टर, टोटल टीवी


डायरी :उस रात को कभी भूल नहीं पाउँगा : दीपक चौरसिया, एडिटर (नेशनल न्यूज़) स्टार न्यूज़


लेख : शैशवकाल की टीवी पत्रकारिता के जिद्दी नौनिहाल : चंदन प्रताप सिंहएक खौफनाक मंजर में मीडिया : राम प्रकाश द्विवेदीकवर फायर : मुकेश कुमार चौरसियाचक्रव्यूह में फंस रहा है देश का पत्रकार : डा। रंज़न जैदीजब वो स्वर्ग की सीधी दिखाना भूल गए : विनीत कुमारमीडिया का नया मंत्र आतंकवाद : संजय तिवारी


इंटरव्यू :


अजित अंजुम , प्रबंध निदेशक, बीएजी


फिल्म्समीडिया उवाच !


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आज की तस्वीर

आज की तस्वीर : क्या शेखावत की ऐसी बॉडी आपने देखी है? तस्वीर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें । http://www.mediakhabar.com/

आईआईएमसी के छात्रों का मिलन समारोह


आईआईएमसी के छात्रों का मिलन समारोह - देश के अग्रणी मीडिया संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉस कम्युनिकेशन में कल का दिन पूर्व छात्रों के मिलन समारोह का था. अलग - अलग मीडिया संस्थानों में काम करने वाले आईआईएमसी के पूर्व छात्र कल यहाँ इकठ्ठा हुए और संस्थान में बिताये अपने पुराने दिनों को याद किया. पुरी ख़बर के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें:
http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=63&tid=593

जज की भूमिका में मीडिया



जज की भूमिका में मीडिया: हाल के दिनों में मीडिया के स्वरूप में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। कभी-कभी न्यूज़ दिखाने के अलावा ज्यादतर समय वह बहुरंगी बहुरूपिया ही है। कभी मीडिया उपदेशक एवं प्रवचनकर्ता है तो कभी नौटंकी दिखाने वाला भाड़। भोजन बनाने के तरीके बताते समय वह एक बेहतरीन रसोइया है तो सेक्स संबंधी ज्ञान बाँटते हुए सेक्सोलाजिस्ट भी। अब इन तमाम आयामों में एक नया आयाम जुड़ गया है। यह मीडिया के जज की भूमिका में आने से संभव हुआ है। अब मीडिया के जज की भूमिका में है जहाँ किसी किसी भी वक्त किसी को भी न्याय या सजा मिल सकती है। आगे की ख़बर के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=34&tid=592

Saturday, February 7, 2009

संतोष भारतीय की नई किताब : "कमजोर दुनिया का रास्ता"


संतोष भारतीय की नई किताब : "कमजोर दुनिया का रास्ता"
संतोष भारतीय का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं. हिंदी पत्रकारिता को नयी दिशा देनेवाले कुछ चुनिंदा पत्रकारों में उनका भी नाम शामिल है. कहा जाए कि मौजूदा दौर में भी, जब आम जन पत्रकारों के लिखे को नजरअंदाज करने में ही कुशल मानते हैं, उस समय भी संतोष भारतीय के लेखन का इंतजार होता है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा. कुछ सालों से वह खबरों में कम थे, लेकिन उनकी सक्रियता और लेखन कहीं कम नहीं हुआ. इस गैप का फायदा उठाकर उन्होंने सामयिक मसलों पर खूब चिंतन किया और जमकर लिखा. आगे की ख़बर के लिए नीचे क्लिक करें :

हिन्दी न्यूज़ चैनल सीएनईबी का नया कार्यक्रम - पीएम कौन ?



हिन्दी न्यूज़ चैनल सीएनईबी का नया कार्यक्रम - पीएम कौन ?
चुनावी महासंग्राम को देखते हुए हरेक चैनल पर चुनाव से संबंधित विशेष कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं. हिन्दी न्यूज़ चैनल सीएनबीई पर भी आज से ऐसा ही एक कार्यक्रम शुरू हो रहा है. आगे पढने के लिए निचे क्लिक करें :


http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=59&tid=590

लारा दत्त की वेबसाइट



लारा दत्त की वेबसाइट : लारा दत्त के प्रशंसकों के लिए एक खुशखबरी है. लारा दत्त के बारे में अब वे तमाम जानकारियां उनके वेबसाइट पर जाकर हासिल कर सकते हैं। आगे की ख़बर पढने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। http://mediakhabar.com/topicdetails.aspx?mid=84&tid=589

टीवी ले रहा है टीवी की ख़बर


सबसे कम मेहनत और सबसे ज्यादा टीआरपी..... टीवी पर तालिबान का तमाशा जारी है. आज मैं भी एक खतरा मोल ले रहा हूँ और टीवी पर तालिबान के तमाशे की पोल खोल रहा हूँ. आप थक हार कर घर आते हैं और टीवी पर तालिबान के आतंक की कहानियों को परोसा जाता है. हिंदुस्तान का कोई भी टीवी पत्रकार इस वक्त तालिबान के इलाके में नही है. लेकिन हर दिन तालिबान पर रिपोर्टिंग हो रही है. तालिबान एक समस्या है. इसपर बात होनी चाहिए लेकिन इस तरह नहीं कि भाग जाओ तालिबान, संभल जाओ तालिबान, घर में घुसकर मारेंगे तालिबान. न्यूज़ के नामपर ...आगे की ख़बर के लिए यहाँ क्लिक करें.

Friday, February 6, 2009



हॉलीवुड का हिन्दी में नया हंगामा "एक और कुरुक्षेत्र"-


भारत में लंबे समय से हॉलीवुड की फिल्में रिलीज़ हो रही थी। पर अंग्रेज़ी में होने के कारण केवल अंग्रेज़ी के जानकार ही ऐसी फिल्मों का आनंद उठा पाते थे जिससे ये फिल्में महानगरों तक ही सिमट कर रह जाया करती थी. लेकिन पिछले कुछ समय से हिन्दी के बढ़ते बाज़ार को देखते हुए अब अंग्रेज़ी फिल्मों के हिन्दी रूपांतरण भी रिलीज करने की परम्परा शुरू हो गई है. इसी कड़ी में एक नई फ़िल्म आउटलैंडर का हिन्दी रूपांतरण एक और कुरुक्षेत्र नाम से भारत में रिलीज़ हुई है. भारत में इसे "बीहाईंड द सीन" द्वारा रिलीज़ किया गया है. आगे की खबर के लिए यहाँ क्लिक करें।






बिपाशा अंगप्रदर्शन करे तो जायज रितुपर्ना करे तो नाजायज


बंगला फ़िल्म "दहन" से राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुकी अभिनेत्री रितुपर्ना सेन गुप्ता अपनी आने वाली दो फिल्मों को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं। उनकी एक फ़िल्म हिन्दी में और दूसरी फ़िल्म बांग्ला में आने वाली है. हिन्दी में आने वाली उनकी फ़िल्म का नाम मित्तल वर्सेज मित्तल है जबकि उनके बांग्ला फ़िल्म का नाम तृष्णा है. तृष्णा में वह काफी ग्लैमरस भूमिका में हैं और कहा जा रहा है कि यह हिन्दी फ़िल्म जिस्म का बंगाली रूपांतरण है. दहन जैसे फ़िल्म में काम करने के बाद अब इतना बोल्ड और ग्लैमरस रोल करने का फैसला ... आगे की ख़बर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.

कल्याण का रास्ता दिल्ली नहीं नागपुर जाता है
मेरे छात्र राजनीति के दौर के एक मित्र हैं जो मुलायम सिंह के उत्तर प्रदेश के प्रमुख 25 मैनेजरों में से एक हैं और 2 जून 1995 के लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस कांड के प्रमुख अभियुक्तों में से भी एक हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के एक कर्णधार कुंवर नटवर सिंह का बयान आया जिसका लब्बो लुबाव था कि सरकार तो सपा की ही बनेगी भले ही भाजपा के सहयोग से बने। हालांकि न नौ मन तेल हुआ और न राधा नाचीं। न मुलायम सिंह सौ से ऊपर पहुंचे और न भाजपा के समर्थन से सरकार बनने की नौबत आई। मैंने अपने उक्त मित्र महोदय से ये पूछा कि नटवर सिंह ने यह क्या कह दिया? मेरे मित्र निजी बातचीत में भी बहुत सोच समझकर बोलते हैं, पर जो बोलते हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 5, विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ में यह क्या चल रहा है। ( हालांकि इस निजी बातचीत का जिक्र करना सैद्धांतिक रूप से गलत है, परंतु जो बात हम आगे कहना चाह रहे हैं उसके लिए जरूरी भी है।)
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औरत कमजोर नही है- डॉ.रंजन जैदी



औरत कमजोर नही है- डॉ.रंजन जैदी
इराक में इन दिनों महिलाओं के विरुद्ध हिंसक अभियान में तेजी आ गई है। इस संबंध में इराक के दक्षिणी शहर बसरा के मेजर जनरल अब्दुल जलील खलाफ का बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, बडे़ दुख की बात है कि जो महिलाएं आज इराक में आज़ादी के साथ रहना और घूमना चाहती हैं, और नकाब नहीं पहनना चाहतीं, उन्हें वहां के धार्मिक उलेमा और कथित कट्टरपंथी डराने-धमकाने और उन पर हमले तक कराने का अभियान चला रहे हैं।




सामुदायिक रेडियो की आत्मनिर्भरता

सामुदायिक रेडियो की आत्मनिर्भरता
‘‘बहनों आओ अपने संघम पर साथ -साथ चलें,
ताकि हम बात कर सकें,
हमने अपना खोया हुआ,
संवाद फिर से पा लिया है,
और उसे एक सजीव रूप में,
रेडियो पर ले आए हैं,
हमने अपने कहीं खो रहे उत्सवों को रिकॉर्ड किया है,
और उनके बारे में अपने रेडियो पर बात की है,

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दो भारतीय पत्रकारों पर हमला

पाकिस्तान के लाहौर में कल दो भारतीय पत्रकारों पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया. यह दोनों पत्रकार अंग्रेज़ी न्यूज़ चैनल ...आगेकी ख़बर के लिए यहाँ क्लिक करें।

आज की तस्वीर - वाह क्या एनीमेशन है।

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Thursday, February 5, 2009

पत्रकारिता का सच: एक अनबीते अतीत में जिन्दगी की किताब (भाग 1)


नए प्रतिभावान पत्रकारों के लिए सुनहरा अवसर


टीआरपी जंग


नंबर एक के लिए जंग जारी है

पत्रकारिता का सच: एक अनबीते अतीत में जिन्दगी की किताब (भाग 1)